महाराष्ट्र में आगामी महानगरपालिका चुनावों से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के दावों का समर्थन किया है। दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया है। हालांकि इधर दोनों नेता बीजेपी के संपर्क में थे, ऐसा दावा करते हुए बीजेपी के सूत्रों के हवाले से खबरें चलाई जा रही थीं। इस बीच उद्धव की पार्टी ने पीएम सीएम बिल पर बनी जेपीसी में भी शामिल होने से इनकार कर दिया है। उसने इस बिल के लिए मोदी सरकार की आलोचन की है।
उद्धव ठाकरे ने रविवार को दहिसार में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "मतदाता सूची पर कड़ी नजर रखें और सुनिश्चित करें कि इसमें कोई फर्जी मतदाता शामिल न हो। यह देखें कि कोई व्यक्ति दो-तीन बार वोट न डाले।" उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य में मतदाताओं की संख्या में अचानक 40-42 लाख की वृद्धि कैसे हुई। उद्धव ने कहा, "इन अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान करें और उन्हें वोट देने से रोकें। अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते हैं, तो सत्ताधारी दलों का जीतना मुश्किल होगा।"
दूसरी ओर, राज ठाकरे ने पुणे में इस मुद्दे को उठाते हुए दावा किया कि उन्होंने 2016-17 में ही मतदान में गड़बड़ी की चेतावनी दी थी। उन्होंने शरद पवार और सोनिया गांधी को पत्र लिखकर चुनावों का बहिष्कार करने की सलाह दी थी। एक सोशल मीडिया पोस्ट में राज ठाकरे ने कहा, "लोग वोट करते हैं, लेकिन वोट चोरी हो जाते हैं। 2014 के बाद से बनी सरकारें इस चुनावी गड़बड़ी का नतीजा हैं।"
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि राज ठाकरे पहले भी इस तरह की चिंताएं जता चुके हैं। उन्होंने मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही।
राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोटों की चोरी हुई। उन्होंने चुनाव आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि डुप्लिकेट एंट्रीज, फर्जी पतों और बड़े पैमाने पर मतदाता रजिस्ट्रेशन के जरिए यह हेरफेर किया गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए इसे आधारहीन बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि ऐसे बयान चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं और जनता को भ्रमित करते हैं।
महाराष्ट्र में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी का यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बनता जा रहा है। ठाकरे बंधुओं और राहुल गांधी के इस संयुक्त रुख से विपक्षी गठबंधन इंडिया की रणनीति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। हालांकि पीएम सीएम बिल पर उद्धव की पार्टी ने जेपीसी में शामिल होने से इनकार कर दिया है और इसे स्टंटबाजी बताया है।