(अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद अब भारत की धरती पर भी उनका 'स्त्री-विरोधी' रंग चढ़ने लगा है। दिल्ली में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बहिष्कृत करने का विवाद गरमाया तो बिहार इससे अछूता कैसे रह सकता है! वरिष्ठ पत्रकार और टीवी पैनलिस्ट प्रेम कुमार इन दिनों बिहार दौरे पर हैं। उन्होंने राजधानी पटना के विभिन्न कोनों में स्थानीय पत्रकारों से गहन चर्चा की—सदाकत आश्रम से लेकर बेली रोड, डाक बंगला चौराहा, आईटीओ गोलंबर तक। बिहार क्या सोचता है इस 'तालिबानी बैन' को लेकर? क्या मोदी सरकार का मौन 'सरेंडर' है या रणनीतिक चुप्पी?)