बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अब लगभग दो साल बाद हुई, जबकि उसे हर तीसरे महीने होना चाहिए था। इसे नहीं करने का बहाना यह बनाया गया कि कोरोना महामारी के दौरान पार्टी के सैकड़ों सदस्य एक जगह कैसे इकट्ठे होते? एक जगह इकट्ठे होने के इस तर्क में कुछ दम नहीं है, क्योंकि जैसे अभी आडवाणी जी, जोशी जी और कई मुख्यमंत्रियों ने घर बैठे उस बैठक में भाग ले लिया, वैसे ही सारे सदस्य ले सकते थे।