नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश भर में जोरदार विरोध हो रहा है। बीजेपी के इस क़दम ने अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे परस्पर-विरोधी देशों को तो एकजुट कर ही दिया है, भारत के लगभग सभी विरोधी दलों को, जो एक-दूसरे के जानी दुश्मन भी हैं, एक सांझा मंच भी प्रदान कर दिया है।
हालांकि भारत के मुसलमान नागरिकों को इस नए क़ानून से ज़रा-सा भी नुक़सान नहीं है लेकिन पड़ोसी देशों के मुसलमान शरणार्थियों को नागरिकता से वंचित करने का प्रावधान किसी भी भारतीय या अभारतीय मुसलमान को अपमानित महसूस करवा सकता है।