क्या एकता कपूर तथाकथित हिंदूवादी अंधभक्तों की नाराजगी का शिकार हो गयीं? एकता पर वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के एक एपिसोड में नाबालिग लड़कियों के साथ एडल्ट सीन दिखाने को लेकर पोक्सो (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है। लेकिन इसपर पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर के ट्वीट से यह बात साफ हो जाती है, कि वे किस तरह हिंदूवादी अंधभक्तों की नाराजगी और राजनीति का शिकार हो गयीं। उदय माहुरकर संस्कृति बचाओ भारत बचाओ फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं। एकता कपूर और शोभा कपूर के खिलाफ मामले के बाद उनकी खुशी और उनका महाराष्ट्र सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इसके लिए बधाई देना इस बात का प्रमाण है कि इसके पीछे कौन लोग हैं।
उदय माहुरकर ने बधाई देते हुए साफ लिखा है कि, इससे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक रुख सामने आया है। उनका कहना है कि यह भारत में पहली बार है जब किसी सरकार ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की राजनीतिक इच्छा दिखाई है, जो बॉलीवुड उद्योग के भीतर राष्ट्र के चरित्र को भ्रष्ट करने के लिए लाभ के लिए कार्य कर रहे हैं। उदय माहुरकर पहले सावरकर पर पुस्तक लिख चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ऐन पहले एकता कपूर पर इस तरह की एफआईआर भाजपा की खुद को संस्कृति का संरक्षक बताने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल करने के मकसद से भी दर्ज की गयी मालूम होती है। माहुरकर की इस बात से यह जाहिर हो जाता है जिसमें वे कहते हैं कि – ‘’महाराष्ट्र सरकार यह संकेत दे रही है कि वह शोषण और नैतिक पतन के प्रभावशाली गठजोड़ को चुनौती देने के लिए तैयार है।‘’ माहुरकर ने दिल्ली पुलिस से भी अपील की कि उसे मुंबई पुलिस के इस महत्वपूर्ण मुद्दे से निपटने के कदमों से सीख लेनी चाहिए।






















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