कोराना के संकट के दौरान जब देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हुई तो दूरदर्शन ने रामायण और महाभारत समेत कई पुराने पर बेहद लोकप्रिय रहे सीरियल चलाने का फ़ैसला लिया। 28 मार्च से रामानंद सागर निर्देशित रामायण को दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर दिखाया जाने लगा और बी आर चोपड़ा निर्देशित महाभारत को डीडी भारती पर। टेलीकास्ट होने के पहले ही सप्ताह में दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्रसार भारती ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में इस दौरान छह सौ पचास फ़ीसदी का इज़ाफा हुआ। दूसरे सप्ताह में भी दर्शकों की संख्या बनी रही और लोग रामायण और महाभारत को देखते रहे। यह तब हो रहा है जब कुछ निजी चैनल भी अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोगों के निर्देशन में बनी रामायण और अन्य धार्मिक सीरियल दिखा रहे हैं।
इससे तो एक बात का पता चलता है कि दूरदर्शन पर अगर अच्छा कंटेंट दिखाया जाए तो उसके पास दर्शक आएँगे। दूरदर्शन को अगर प्रोफ़ेशनल तरीक़े से चलाया जाए और योजनाबद्ध तरीक़े से सीरियल बनवा कर प्रसारित किए जाएँ तो उसको चलाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से सरकारी मदद की और अप्रत्यक्ष रूप से करदाताओं के पैसे की मदद नहीं चाहिए होगी। उसके अपने कार्यक्रमों से मिलनेवाली धनराशि से न केवल वो अपना ख़र्च निकाल सकता है बल्कि मुनाफ़ा भी कमा सकता है।






















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