नौ मिनट का पूर्ण (या आंशिक भी) अंधकार अगर मांग कर लिया गया हो तो यह कितना ‘लम्बा’ या ‘छोटा’ लग सकता है, रविवार की रात करोड़ों देशवासियों ने इसे महसूस किया। यह एक अघोषित प्रयोग भी हो सकता है कि बग़ैर रोशनी के हम कितनी देर तक बिना डरे या परेशान हुए रह सकते हैं। ‘अनिवार्य’ श्रद्धांजलि सभाओं में दो मिनट का मौन क्या पूरे दो मिनट चल पाता है या अधिकांश लोग कनखियों से आसपास देखने लगते हैं? ताज़ा मामले में भी हो सकता है कि यह देखा गया हो कि पड़ोस में वापस रोशनी हो गई या नहीं वरना हमारे बारे में कुछ-कुछ सोचा जाने लगेगा।