थुइंगलेंग मुइवा फिर हुंकार भर रहे हैं। और वह मांग रहे हैं, जिसको देने में मोदी सरकीर के पसीने छूट जाएंगे। दरअसल मुइवा ने फिर से - दो निशान, दो विधान की मांग दोहरा दी है। इससे सवाल उठने लगा है कि क्या कश्मीर में दशकों एक विधान - एक निशान की बात करने वाली भाजपा सरकार ने 2015 के नगा समझौते में अलग निशान और विधान देने का कोई वादा मुइवा से किया था?
नगा नेता का मोदी को झटका, मुइवा फिर क्यों मांग रहे हैं- दो निशान, दो विधान?
- विचार
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- 5 Nov, 2025


नगा समझौता के दौरान की तस्वीर।
कश्मीर में दशकों एक विधान - एक निशान की बात करने वाली भाजपा सरकार ने क्या 2015 के नगा समझौते में अलग निशान और विधान देने का कोई वादा मुइवा से किया था? क्या इसीलिए गुप्त रखा गया है नगा शांति समझौता?
बीसवीं सदी के दुनिया के सबसे पुराने विद्रोही 91 साल के एनएससीएन-आईएम (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम-इसाक-मुइवाह) के मुख्य नेता थुइंगलेंग मुइवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि नगा लोगों का अपना राष्ट्रीय ध्वज और येजाबो (जो नगा लोगों का अपना संविधान है) पर कोई समझौता नहीं होगा, चाहे कुछ भी हो जाए। मणिपुर के सेनापति जिले में स्थित अपने गाँव में आठ दिन बिताने के बाद नगाओं की एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुइवा ने भारत सरकार से सम्मानजनक इंडो-नगा राजनीतिक समाधान की मांग की, जो प्यार, समझ और क्षमा पर आधारित हो।
मुइवा की तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से उनके डिप्टी वी.एस. एटेम ने यह भाषण पढ़ा। भाषण में 2002 के एम्स्टर्डम जॉइंट कम्युनिके और 2015 के फ्रेमवर्क एग्रीमेंट का ज़िक्र किया गया। मुइवा ने कहा कि इन समझौतों की मूल भावना और आत्मा नगा लोगों की संप्रभुता (अपनी खुद की सत्ता) को मान्यता देती है।





















