पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सड़क पर पैदल चलते लोगों की ख़बरें न्यूज़ वेबसाइट्स, सोशल मीडिया और थोड़ा बहुत मुख्य धारा के अख़बारों व चैनलों में पटी पड़ी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लॉकडाउन की घोषणा कर दी, इससे सबकी जिंदगी ठप हो गई। लेकिन रोज कमाने-खाने वाले लोगों का पेट ठप नहीं हुआ, वह भोजन मांग रहा था और ये लोग भूखे-नंगे अपने पैतृक गांवों व शहरों की ओर भाग पड़े कि शायद उन्हें वहां जिंदा रहने का मौक़ा मिल जाए। यह पूरी तरह से मानव सृजित आपदा है, जो बगैर सोचे-विचारे लॉकडाउन करके थोपी गई।
कोरोना की आपदा में भी क्यों अजेय हैं नरेंद्र मोदी?
- विचार
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- 16 May, 2020

लॉकडाउन के कारण हज़ारों मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इससे वंचित तबके को भयंकर नुक़सान हुआ है लेकिन बीजेपी समर्थक तबके पर कोई असर नहीं होगा।