शिक्षा से जुड़ी एक प्रचलित कहावत है कि अगर किसी अयोग्य व्यक्ति को शिक्षक नियुक्त किया जाता है तो छात्रों की कई पीढ़ियों का शैक्षणिक जीवन बर्बाद हो जाता है। और जब ऐसे कई सारे शिक्षक एक जगह हों तो विद्यार्थियों और शिक्षा का भविष्य क्या होगा, यह समझना मुश्किल नहीं है।
NCERT की 'विभाजन विभीषिका’: अंग्रेज-हिंदू महासभा-RSS को बचाने की कोशिश!
- विचार
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- 27 Aug, 2025

NCERT के नये मॉड्यूल में ‘विभाजन विभीषिका’ पर विवाद गहराया। आरोप है कि अंग्रेज शासकों, हिंदू महासभा और आरएसएस की विभाजनकालीन भूमिका पर जानबूझकर पर्दा डाला गया। पढ़िए, पाँच झूठों के सच पर सीरीज़ की पहली कड़ी।
हाल ही में, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने "विभाजन विभीषिका" शीर्षक से एक "विशेष मॉड्यूल" जारी किया है। इस मॉड्यूल (अनुभाग) को कक्षा 6 से 8 (मध्य स्तर) के लिए एक पूरक संसाधन के रूप में वर्णित किया गया है – जो नियमित पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा नहीं है – और इसका उपयोग परियोजनाओं, पोस्टरों, चर्चाओं और बहसों के लिए किया जाना है। वास्तव में, यह भारत के विभाजन के दोषियों/संगठनों की खोज के लिए पूरक संसाधन सामग्री नहीं है, जैसा कि दावा किया गया है, बल्कि यह आरएसएस के आकाओं की इच्छानुसार एक सांप्रदायिक आख्यान प्रस्तुत करता है।
एनसीईआरटी ने इसे 14 अगस्त, 2025 को "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस", जिसका आह्वान प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में किया था, का पालन करते हुए जारी किया गया। प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुसार: "विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हमारे लाखों बहन-भाई विस्थापित हुए, और कई लोगों ने नासमझ नफरत और हिंसा के कारण अपनी जान गंवाई। हमारे लोगों के संघर्षों और बलिदानों की स्मृति में, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।" [पृष्ठ 3]
पूरा दस्तावेज़ छल-कपट, विरोधाभासों और झूठ से भरा है, जिसका उद्देश्य विभाजन के बारे में सच बताने के बजाए, उससे कहीं ज़्यादा छिपाना लगता है। एनसीईआरटी के झूठ को हम निम्नलिखित भागों में बाँट सकते हैं।