loader
फ़ोटो क्रेडिट - https://mediaindia.eu/

कोरोनाः बुजुर्गों को महसूस न हो अकेलापन, रखें विशेष ख़्याल

केंद्र और राज्य सरकारों को वयोवृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि कोरोना के सबसे ज्यादा शिकार इसी आयु वर्ग के लोग हो रहे हैं। बुजुर्गों के इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। प्रचार-माध्यमों के द्वारा बताया जाना चाहिए कि अमुक मोहल्ले के बुजुर्ग को अमुक अस्पताल में ले जाया जाना चाहिए। अनेक शारीरिक क्षीणताओं के साथ-साथ उनका अकेलापन भी उन्हें खाए जा रहा है। 
डॉ. वेद प्रताप वैदिक

आज सुबह-सुबह दो ऐसे बुजुर्ग साथियों के फोन आ गए, जिनकी आयु 80 और 90 के बीच है। उन्होंने कहा कि आप दुनिया के हर मसले पर लिख रहे हैं लेकिन हम बूढ़ों की दुर्दशा पर किसी का ध्यान ही नहीं है। मैं उनके बारे में सोचने लगा, इतने में ही अख़बारों का बंडल आ गया। उनमें कई मार्मिक ख़बरों पर नज़र गई लेकिन मुंबई की एक ख़बर ने मेरे मित्रों की बात पर मुहर लगा दी। 

वह ख़बर यह है कि मुंबई के प्रसिद्ध मजदूर नेता दत्ता सामंत के बड़े भाई पुरुषोत्तम सामंत ने आत्महत्या कर ली। उनकी उम्र 92 वर्ष थी। वे भी मजदूर-नेता थे। उन्होंने ख़ुद ही बनाए फंदे पर लटकने से पहले अपना जो मृत्युनामा छोड़ा, उसमें साफ-साफ लिखा कि वे कोरोना-संकट से इतने त्रस्त हो गए हैं कि अपने जीवन का अंत कर रहे हैं। 

ताज़ा ख़बरें
वे कोरोना से नहीं, उसके संकट से त्रस्त थे। कौन सहृदय व्यक्ति इस संकट से त्रस्त नहीं होगा? पता नहीं कितने लोग रोज आत्महत्या कर रहे हैं, कितने लोग सैकड़ों मील पैदल चलते-चलते रास्तों में दम तोड़ रहे हैं, कितने लोग भूख और प्यास से तड़प-तड़पकर मर रहे हैं, कितने ही लोग मजबूरन फलों और सब्जियों के ठेलों को लूट रहे हैं, कितने ही लोग पौराणिक नायक श्रवण कुमार की तरह अपने बुजुर्गों और बच्चों को अपने कंधों और साइकिलों पर ढो रहे हैं। 
केंद्र और राज्य सरकारें पीड़ितों की मदद कर रही हैं लेकिन वे वयोवृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान दें, यह ज़रूरी है। कोरोना के सबसे ज्यादा शिकार इसी आयु वर्ग के लोग हो रहे हैं।

बुजुर्गों के इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। प्रचार-माध्यमों के द्वारा बताया जाना चाहिए कि अमुक मोहल्ले के बुजुर्ग को अमुक अस्पताल में ले जाया जाना चाहिए। अनेक शारीरिक क्षीणताओं के साथ-साथ उनका अकेलापन भी उन्हें खाए जा रहा है। क्या ही अच्छा हो कि वे भजन-संगीत सुनें, महापुरुषों की रोचक जीवनियां पढ़ें, घर में बच्चे हों तो उनके साथ घरेलू खेल खेलें। 

बुजुर्गों को सुबह-सुबह बगीचों में सैर करने, हल्के व्यायाम और आसन करने, शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए लोगों से मिलने-जुलने और बातों से दिल हल्का करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। सरकारें इसका उलटा कर रही हैं। सरकारें उन्हें कुछ गुजारा-भत्ता भी दें तो अच्छा रहे। 

विचार से और ख़बरें
ज्यादातर बुजुर्ग ऐसे हैं, जिन्हें कोई पेंशन नहीं मिलती। कुछ 90 साल से ऊपर के बुजुर्गों ने बताया कि उनके घरेलू सेवक अपने गांव भाग गए तो उनके पड़ोसियों ने अपने सेवक उनके लिए भेज दिए। इस संकट के समय कुछ घरों के लोग घर के बुजुर्गों को ही बोझ मानने लगे हैं। ऐसी विकट स्थिति में सरकार क्या कर सकती है? बेहतर तो यह है कि यार-दोस्त, रिश्तेदार और अड़ोसी-पड़ोसी ही अपना फर्ज निभाएं। 

(डॉ. वेद प्रताप वैदिक के ब्लॉग www.drvaidik.in से साभार)

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
डॉ. वेद प्रताप वैदिक
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

विचार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें