18वीं लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण की चर्चा लगातार हो रही है। एक घंटे से अधिक समय तक दिए गए अपने भाषण में राहुल गांधी ने अग्निवीर, बेरोजगारी और महंगाई जैसे बुनियादी मुद्दों से लेकर मणिपुर जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। अपने भाषण में राहुल गांधी ने बड़ी बेबाकी से नरेंद्र मोदी की राजनीति को बेपर्दा किया।

हाथरस में भगदड़ पीड़ितों से मिलने पहुँचे राहुल।
राहुल गांधी की प्रतिबद्धता जितनी समाज के प्रति बढ़ती जा रही है, उतनी ही उनकी प्रसिद्धि भी बढ़ती जा रही है। इसीलिए अब राहुल गांधी को डराने की कोशिश की जा रही है।
गोदी मीडिया के सहारे नरेंद्र मोदी अपनी असफलताओं को बड़े करीने से छुपाते रहे हैं। इसी कॉरपोरेट मीडिया और भाजपा के आईटी सेल द्वारा देश में सांप्रदायिक जहर फैलाकर समाज को विभाजित किया गया। धार्मिक उन्माद के जरिए मॉब लिंचिंग और दलित-आदिवासियों के उत्पीड़न की हजारों घटनाएं सामने आई हैं। नरेंद्र मोदी को लगता था कि सांप्रदायिक विभाजन और धार्मिक उन्माद के ज़रिए फिर से चुनावी सफलता हासिल कर लेंगे। लेकिन चुनावी नतीजे बताते हैं कि सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग, चुनाव आयोग, गोदी मीडिया और लाखों करोड़ों रुपए झोंकने के बावजूद देश की जनता ने नरेंद्र मोदी और भाजपा को नकार दिया है। हालांकि नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन से सरकार बनाने में कामयाब ज़रूर हुए हैं, लेकिन राहुल गांधी लगातार देश के लोगों के मुद्दों को उभारकर नरेंद्र मोदी के लिए मुसीबतें पैदा कर रहे हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।