सफलता क्या है? सफलता ही वह पैमाना है, वह स्केल है, वह मापदंड है जिसके आधार पर समाज व्यक्ति के महत्व को आँकता है, उसके मूल्य का निर्धारण करता है। पर समाज क्या है? समाज वह आईना है जिसमें व्यक्ति अपनी झलक देखता है और अपने को पहचानने की कोशिश करता है। कहा जा सकता है कि व्यक्ति सीधे-सीधे या प्रत्यक्ष रूप से अपने आप से मुलाक़ात नहीं करता। बल्कि वह प्रायः समाज की मध्यस्थता के ज़रिये ही अपने आप से मिलता है।
सफलता का पैमाना क्या है?
- विचार
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- 4 May, 2020

प्रतीकात्मक तसवीर।
सफलता क्या है? सफलता ही वह पैमाना है, वह स्केल है, वह मापदंड है जिसके आधार पर समाज व्यक्ति के महत्व को आँकता है, उसके मूल्य का निर्धारण करता है। पर समाज क्या है?
अपनी झलक पाने और अपने को पहचानने के लिए समाज की ओर देखने की बाध्यता या आदत के कारण व्यक्ति अपने रूप, गुण, प्रतिभा, ज्ञान, विशिष्टता, श्रेष्ठता आदि की सामाजिक स्वीकृति चाहता है। सामाजिक स्वीकृति से ही वह अपने प्रति और अपने आप में विश्वास व आश्वस्ति पाता है। इसी कारण से व्यक्ति समाज के सामने याचक के समान हाथ जोड़े खड़ा रहता है या प्रार्थना करता रहता है या गिड़गिड़ाता रहता है - सामाजिक स्वीकृति के लिए। समाज अपनी स्वीकृति अपने पैमानों पर खरा उतरने पर ही देता है। जिन-जिन पैमानों पर समाज व्यक्ति को अपनी स्वीकृति प्रदान करता है- वे पैमाने ही सफलता का निर्धारण करते हैं। चूँकि अलग- अलग समाजों के पैमाने भी अलग-अलग होते हैं इसलिए अलग-अलग समाजों में सफलताओं का स्वरूप और अर्थ भी अलग- अलग होता है। फिर यह भी सच है कि एक समाज के भीतर भी समय के साथ-साथ पैमाने बदलते रहते हैं। इसलिए एक ही समाज में सफलता का अर्थ भी समय के साथ बदलता जाता है। तो इस तरह से हम देख सकते हैं कि सफलताएँ समाज - सापेक्ष और समय - सापेक्ष होती हैं।