सफलता क्या है? सफलता ही वह पैमाना है, वह स्केल है, वह मापदंड है जिसके आधार पर समाज व्यक्ति के महत्व को आँकता है, उसके मूल्य का निर्धारण करता है। पर समाज क्या है? समाज वह आईना है जिसमें व्यक्ति अपनी झलक देखता है और अपने को पहचानने की कोशिश करता है। कहा जा सकता है कि व्यक्ति सीधे-सीधे या प्रत्यक्ष रूप से अपने आप से मुलाक़ात नहीं करता। बल्कि वह प्रायः समाज की मध्यस्थता के ज़रिये ही अपने आप से मिलता है।