रात 9 बजे का समय, हावड़ा स्टेशन पर यात्रियों की भीड़। एक कुली, एक यात्री के सामान को लेकर उस यात्री को स्टेशन पर लगी कुर्सियों पर बिठाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन रास्ते में एक बंगाली महिला प्लास्टिक बिछा कर अपने बच्चों और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ डेरा जमाए हुए थी। कुली और यात्री को कुर्सी तक पहुँचने में परेशानी हो रही थी। परेशान होकर कुली ने उस बंगाली महिला की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘इन लोगों के बाप का बंगाल है। जहाँ देखो, वहाँ डेरा जमा लेती हैं। भद्र यात्रियों को परेशान करती हैं।’  
यह सुनते ही उस बंगाली महिला ने कुली को माँ की गाली देते हुए कहा, ‘हम लोग क्या बिहार जाते हैं। ये हमारा बंगाल है। हम यहीं पैदा हुए हैं। यहीं मरेंगे। तुम यहाँ मरने क्यों आते हो।’ यह सुनकर कुली ने कहा - हम लोग नहीं आएँगे, तो बंगाल मर जाएगा। बंगाल जिंदा है, हमारी वजह से।