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सीट बंटवारे पर कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव के बाद ही बात करेगी

पीटीआई की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की संभावना के मद्देनजर कुछ कांग्रेस नेता चाहते हैं कि 2024 के सीट बंटवारे पर बातचीत नवंबर के बाद हो। क्योंकि पार्टी के इन पांच में से कुछ राज्यों में लौटने या एमपी में सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस और मजबूत होगी। ऐसे में इंडिया के सहयोगियों से बातचीत उसे ज्यादा प्रभावशाली बनाएगी।
कांग्रेस का जिन राज्यों में भाजपा से सीधा मुकाबला है, उन राज्यों के नेता पार्टी नेतृत्व से लगातार कह रहे हैं कि सीट बंटवारे पर फिलहाल कोई बातचीत नहीं की जाए। हालांकि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने इंडिया को मजबूत करने की वकालत करते हुए कुर्बानी देने की बात भी कही है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र के दौरान कई नेताओं ने कांग्रेस संगठन और विपक्षी इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के आह्वान का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को समान विचारधारा वाले दलों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

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दो दिवसीय बैठक के दौरान, सोनिया गांधी ने I.N.D.I.A गठबंधन को मजबूत करने का आह्वान किया, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गुट दोनों को मजबूत किया जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि सोनिया और राहुल के बोलने के बाद कई सीनियर कांग्रेस नेताओं ने सुझाव दिया कि सीट बंटवारे की बात कांग्रेस के अस्तित्व की कीमत पर नहीं हो सकती।

सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी बैठक के अंतिम दिन चार चुनावी राज्यों की पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुखों ने चुनाव जीतने के लिए तैयारियों और रोड मैप पर अपनी रिपोर्ट दी। सूत्रों ने बताया कि विचार-विमर्श के दौरान, कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी नेताओं पर विश्वास नहीं करने को कहा गया। इन राज्यों के प्रमुखों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने उन राज्यों में आप की आलोचना बंद कर दी है लेकिन आप की ओर से ऐसा नहीं किया जा रहा है। इनके नेताओं पर विश्वास करना मुश्किल है।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, अलका लांबा और प्रताप सिंह बाजवा समेत दिल्ली और पंजाब के कुछ नेताओं ने आप के खिलाफ बात की। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं को आश्वासन दिया कि अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे पर कोई भी बातचीत राज्य इकाइयों के परामर्श से ही की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि माकन ने नेतृत्व से कहा कि हालांकि वे I.N.D.I.A के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस को सीट-बंटवारे की बातचीत में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और इन पांच राज्यों में नतीजे आने तक इंतजार करना चाहिए। उन्होंने सीट-बंटवारे पर बातचीत अभी करने के बजाय मजबूत स्थिति होने पर करने आह्वान किया, क्योंकि विपक्षी दल अपने हित में इस पर जोर दे रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन ने कहा कि आप नेता उन राज्यों में चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे हैं जहां कांग्रेस अपनी सरकार बनाने की स्थिति में है और कांग्रेस नेताओं पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि यह बंद होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि पंजाब के नेता बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग अपने राज्य में आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे, क्योंकि उनके नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि पंजाब पीसीसी प्रमुख राजा वारिंग ने भी यह मुद्दा उठाया था, लेकिन उन्हें इस मुद्दे को उठाने और पार्टी नेतृत्व के साथ अलग से चर्चा करने के लिए कहा गया।

I.N.D.I.A गठबंधन के कुछ नेता चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा जल्द से जल्द हो जाए। AAP के अरविंद केजरीवाल और सपा के अखिलेश यादव ने सितंबर के अंत तक ऐसा करने की बात कही। इन नेताओं का कहना है कि जितनी जल्दी सीट बंटवारा हो जाएगा, उतना जल्दी तैयारी शुरू हो जाएगी। प्रत्याशियों के चयन में आसानी होगी।

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बता दें कि विपक्षी दल हर लोकसभा क्षेत्र में एनडीए के खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन अंतिम व्यवस्था बनने से पहले कई बाधाएं हैं। पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई राज्यों में पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मतभेद हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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