हरियाणा में भिवानी जिले के कुंगड़ गांव में मंगलवार 9 अप्रैल को काले झंडे लेकर सैकड़ों किसानों ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला के काफिले को रोक दिया। अजय ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सुनने से इनकार कर दिया। आखिरकार जेजेपी नेता गांव में बिना बैठक किए ही वापस लौट गए।
पिछले सप्ताह अजय चौटाला के बेटे और हाल तक राज्य के डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला को उनके चुनाव अभियान के दौरान दो बार रोका गया - हिसार के गमरा गांव में और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के नाडा गांव में। हरियाणा में जाट बेल्ट हिसार, भिवानी, झज्जर, रोहतक, सोनीपत, सिरसा, जींद आदि के गांवों में ऐसे बैनर, पोस्टर लगे हुए हैं, जिनमें जेजेपी और भाजपा नेताओं के घुसने की मनाही है। एक महीने में हरियाणा की चुनावी फिजा बदल गई।
हरियाणाः जाटों को बांटने की रणनीति क्या नाकाम हो गई, JJP का इतना विरोध क्यों?
- राजनीति
- |
- 29 Mar, 2025
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें भाजपा के लिए अब केकवॉक नहीं रह गई हैं। राज्य के तमाम गांवों में जेजेपी नेता गांवों में घुस नहीं पा रहे हैं। ऐलनाबाद में भाजपा के वाहन से उसके झंडे उतारकर जनता ने जला दिए है। लेकिन भाजपा ने जेजेपी को अलग चुनाव लड़वाकर जाटों को बांटने की जो रणनीति अपनाई, वो भी नाकाम होती दिख रही है। हरियाणा में जाट, किसान तय करेंगे भाजपा का भविष्य, पढ़िएः
