पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमित शाह से सचेत रहने को आगाह किया है। उन्होंने गृहमंत्री शाह को 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक दिन वे मोदी के 'मीर जाफर' बन जाएंगे। मीर जाफर को एक 'गद्दार' के रूप में जाना जाता है जिन्होंने 1757 में हुए प्लासी के युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को धोखा देकर ब्रिटिश सेना के कमांडर रॉबर्ट क्लाइव के साथ गुप्त समझौता कर लिया था।

ममता का यह बयान उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरा करने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान आया। ममता का यह हमला चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट में विशेष गहन संशोधन यानी एसआई को लेकर केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच आया है। ममता बनर्जी ने कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा, 'यह सब अमित शाह का खेल है। प्रधानमंत्री सब कुछ जानते हैं, लेकिन मुझे कहना पड़ेगा— अमित शाह पर इतना भरोसा न करें। एक दिन वे आपके मीर जाफर बन जाएंगे।' उन्होंने आगे जोड़ा, 'सुबह दिन दिखाती है, इसलिए अभी समय है, सावधान रहें।'

मीर जाफर कौन थे?

मीर जाफर का जिक्र 1757 के प्लासी के युद्ध से लिया गया है। इस युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला का मुकाबला ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से हुआ था। नवाब की सेना के प्रमुख मीर जाफ़र ने ब्रिटिश सेना के कमांडर रॉबर्ट क्लाइव के साथ गुप्त समझौता कर लिया था। इस समझौते के तहत मीर जाफ़र ने युद्ध के दौरान सिराजुद्दौला को धोखा दिया और अपनी सेना को युद्ध में पूरी तरह भाग लेने से रोक दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि सिराजुद्दौला की हार हुई और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल पर कब्जा कर लिया। इस जीत ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी।

SIR वोट काटने की साज़िश: ममता

बहरहाल, ममता ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे 'देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री' की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग जो कुछ भी कर रहा है वह शाह के इशारे पर हो रहा है। क्या चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करेगा या लोकतांत्रिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा करेगा?' ममता ने एसआईआर अभियान को बंगाल सहित चुनावी राज्यों में वोटरों के नाम काटने की साजिश करार दिया।

ममता ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दावा किया- 'आयोग का कहना है कि SIR 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा। क्या वे भाजपा के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं? सब कुछ अमित शाह के निर्देशन में हो रहा है, मानो कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री हो।'

बंगाल चुनावों से पहले तनाव

ममता बनर्जी का यह तंज 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। यह बयान 2026 के बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ाने वाला है। ममता ने भाजपा पर 'देश को बर्बाद करने' का आरोप लगाया और कहा कि वे सत्ता में हमेशा नहीं रहेंगे। ममता ने केंद्र पर बंगाल में बाढ़ राहत में देरी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हम राहत कार्य चला रहे हैं, लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिल रही। भाजपा के नेता बाढ़ के बीच वोटर लिस्ट काटने की बात कर रहे हैं।'
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टीएमसी कार्यालय पर हमले पर घेरा

अगरतला में टीएमसी के पार्टी कार्यालय पर कथित हमले के बारे में ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि अगरतला पहुँचे तृणमूल कांग्रेस के पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को हवाई अड्डे से बाहर जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, 'पुलिस उन्हें प्रीपेड टैक्सी लेने भी नहीं दे रही है। मैंने उन्हें पैदल जाने को कहा। अगर इसकी भी अनुमति नहीं दी गई तो मैं खुद वहाँ जाऊँगी। फिर हम देखेंगे कि उनके पास कितनी ताकत है।' ममता ने आरोप लगाया, 'हमारे प्रतिनिधिमंडल में एक अनुसूचित जाति सांसद और एक अनुसूचित जनजाति मंत्री हैं, फिर भी उन्हें हवाई अड्डे से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।'

मंगलवार को पार्टी के राज्य कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए टीएमसी प्रतिनिधिमंडल अगरतला गया है। टीएमसी की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने इस हमले को चौंकाने वाला बताया और कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले जब वह प्रभारी थीं तो पार्टी को अगरतला में कार्यालय स्थापित करने में दो साल लग गए।
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खगेन मुर्मू पर हमले का ज़िक्र

ममता ने हाल ही में जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले पर भी टिप्पणी की, जहाँ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के दौरान उन पर और बीजेपी विधायक शंकर घोष पर हमला किया गया था। बनर्जी ने कहा, 'यह घटना इसलिए हुई क्योंकि बीजेपी के जनप्रतिनिधि कभी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं जाते। लोग गुस्से में हैं। बाढ़ और दंगों के बाद लोग आमतौर पर अपना सब कुछ खो देने के बाद गुस्से में होते हैं। अब हम उनमें आक्रोश देख रहे हैं।' इस बीच, बीजेपी ने टीएमसी पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है।