कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर कालेधन को लेकर फिर हमला बोला है। इसने पीएम मोदी के उस बयान को कालेधन पर पलटी मारने वाला बताया जिसमें उन्होंने स्वदेशी की बात करते हुए कहा कि पैसा काला हो या गोरा, वो पैसा किसका है, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसी बयान को लेकर कांग्रेस ने विदेशों से कालाधन वापस लाने के पीएम के पुराने बयान का ज़िक्र करते हुए हमला किया। 

प्रधानमंत्री ने कालेधन पर पहले क्या क्या कहा था, यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि पीएम मोदी ने अब क्या कहा है और कांग्रेस ने इस पर क्या हमला किया है। गुजरात के अहमदाबाद में मारुति सुजुकी के हंसलपुर संयंत्र में पहली इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने मंगलवार को स्वदेशी को परिभाषित करते हुए कहा, 'मेरी स्वदेशी की परिभाषा बहुत सरल है। मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि पैसा किसका है, चाहे वह डॉलर हो, पाउंड हो, या वह पैसा काला हो या गोरा। लेकिन उस पैसे से जो उत्पादन होता है, उसमें मेरे देशवासियों का पसीना होना चाहिए।' इस पर कांग्रेस ने कालेधन पर पीएम मोदी के पुराने भाषण और ताज़ा भाषण को आमने सामने रखते हुए हमला किया, 'मुहावरा: एक ही सिक्के के दो पहलू। अर्थ: भ्रष्टाचार और मोदी।'

काला धन पर मोदी का वादा क्या था?

नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वे विदेशों में जमा काला धन वापस लाएंगे और इसका उपयोग देश के गरीबों के लिए करेंगे। उन्होंने कहा था कि काला धन वापस लाकर हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं और कुछ मामलों में यह भी कहा कि ईमानदार करदाताओं को 5-10% राशि उपहार के रूप में दी जाएगी। 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, "जहां भी कालाधन पड़ा है, हम सरकार में आते ही एक टास्क फोर्स बनाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो कानून में संशोधन करेंगे, नए कानून बनाएंगे। विश्व में जहां-जहां काला धन पड़ा है, उसकी जानकारी लेंगे और एक-एक पाई वापस लाएंगे।'

लेकिन सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि विदेशों में जमा काले धन की सटीक राशि का पता नहीं है, लेकिन वे इसे वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, 'भारत के लोगों का जो पैसा बाहर गया है, मेरा कमिटमेंट है कि उसकी पाई-पाई वापस आनी चाहिए।' हालाँकि, बाद में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 2015 में 15 लाख रुपये के वादे को 'चुनावी जुमला' करार दिया, जिसका मतलब था कि यह राशि प्रतीकात्मक थी और इसका उपयोग गरीबों के लिए योजनाओं में किया जाएगा।
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कांग्रेस करती रही है आलोचना

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के काले धन से संबंधित बयानों और नीतियों की तीखी आलोचना की है। इसने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने और प्रत्येक नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने के पीएम के वादे को 'चुनावी जुमला' करार देते हुए इसे अवास्तविक और जनता को गुमराह करने वाला बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले साल जयपुर की एक रैली में कहा था, 'मोदी ने कहा था कि विदेशों में कांग्रेस के लोग काला धन रखते हैं और मैं उसे लाकर हरेक को 15 लाख रुपये दूंगा। क्या 15 लाख मिले? प्रधानमंत्री कैसे झूठ बोलते हैं?' उन्होंने इसे जनता को ठगने का प्रयास बताया।

कांग्रेस ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को काले धन को नियंत्रित करने में असफल बताया। जयराम रमेश ने 2025 में रुपये की गिरती कीमत पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी ने 2014 में रुपये की कमजोरी को तत्कालीन पीएम की उम्र से जोड़ा था, लेकिन अब रुपये का मूल्य और गिर गया है।

कांग्रेस ने मोदी के काले धन से संबंधित वादों को वास्तविक नहीं और प्रचार वाला करार दिया। इसने दावा किया कि उनकी नीतियां कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाती हैं और काले धन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।

आर्थिक नीतियों की आलोचना 

कांग्रेस पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों की आलोचना करती रही है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को 'खोखला' कर दिया है। उन्होंने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद भी हमला किया था जिसमें उन्होंने भारत को 'मृत अर्थव्यवस्था' कहा था। राहुल ने कहा, 'ट्रंप ने सच कहा कि बीजेपी ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। अब पीएम स्वदेशी का ढोंग कर रहे हैं, लेकिन उनकी नीतियां विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाली हैं।'

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा था कि राहुल गांधी ट्रंप के बयान का समर्थन करके भारत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जब पूरी दुनिया भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में देख रही है, तब कांग्रेस देश को बदनाम करने में लगी है।
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अमेरिकी टैरिफ़

बहरहाल, पीएम मोदी का स्वदेशी पर जोर ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ़ 25% नियमित टैरिफ़ के साथ-साथ भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त दंडात्मक टैरिफ के रूप में लागू किया गया है। अब पीएम मोदी ने स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि निवेश का स्रोत अहम नहीं है, बल्कि उत्पादन में भारतीय श्रम और कौशल का उपयोग होना चाहिए। उन्होंने जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन द्वारा भारत में 70000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा का हवाला देते हुए कहा कि भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक और विश्वास पर आधारित रिश्ते हैं, जो दोनों देशों के विकास को पूरक बनाते हैं।

मोदी का स्वदेशी मंत्र

अहमदाबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने स्वदेशी को हर भारतीय का 'जीवन मंत्र' बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'स्वदेशी को हमें गर्व के साथ अपनाना चाहिए। जो चीजें जापान यहां बनाएगा, वह भी स्वदेशी है।' पीएम ने 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देते हुए कहा कि यह वैश्विक और घरेलू निर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है। उन्होंने दावा किया कि भारत में बने इलेक्ट्रिक वाहन 100 से अधिक देशों में निर्यात किए जाएंगे, जिससे 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का लक्ष्य साकार होगा।
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पीएम के स्वदेशी के मायने

स्वदेशी आंदोलन भारत में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा रहा है। 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुए इस आंदोलन ने स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देने और ब्रिटिश सामानों के बहिष्कार के ज़रिए आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित किया था। महात्मा गांधी ने इसे स्वराज की आत्मा कहा था। आज पीएम मोदी इसे 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह केवल नारा बनकर रह गया है।

स्वदेशी को जहां बीजेपी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे अर्थव्यवस्था की नाकामी छिपाने का प्रयास करार दे रही है।