उन्होंने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘मैं मतदाताओं के जनादेश से कथित छेड़छाड़ पर चिंतित हूँ। चुनाव आयोग के पास जो ईवीएम हैं, उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आयोग की ही है।’
इस बात की कोई गुंजाईश ही नहीं होनी चाहिए कि अटकलबाजी हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को ही चुनौती दे। लोगों का जनादेश पवित्र है और यह किसी भी तरह के रत्ती भर संदेह से परे ही रखा जाना चाहिए। इस मुद्दे पर संस्थागत विश्वसनीयता बरक़रार रखना चुनाव आयोग का दायित्व है। वह हर तरह के शक को दूर करे।
प्रणव मुखर्जी ने जो कुछ कहा, उसके राजनीतिक निहितार्थ हैं, यह तो बिल्कुल साफ़ है। एक पूर्व राष्ट्रपति को इस तरह की बातें कहनी चाहिए या नहीं, इस पर सवाल उठ सकता है।