यात्रा में शामिल होने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे लिखा, "मुझे एहसास हुआ कि मुझ पर हमला देश में डर और नफरत का माहौल बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा था।" बता दें कि दानिश अली के खिलाफ लोकसभा में जब रमेश बिधूड़ी ने घटिया और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और दानिश अली ने बहुत संवदेनशील बयान दिया था। उसी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बसपा सांसद दानिश अली के घर पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया। दानिश अली उसके बाद राहुल के बड़े प्रशंसक बन चुके हैं।
सीएए विरोधी शाहीनबाग आंदोलन के दौरान हालांकि बसपा और मायावती ने खुलकर उन संगठनों का विरोध नहीं किया था, जिन्होंने आंदोलन छेड़ा था। लेकिन दानिश अली निजी तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया से लेकर जेएनयू और एएमयू के छात्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए थे। उन्होंने शाहीनबाग और जंतर मंतर पर कई प्रदर्शनों में शामिल होते देखा गया।