Voter Chori: Pawan Khera vs Amit Malviya: बीजेपी ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया। कांग्रेस के पवन खेड़ा ने जवाब दिया है कि कैसे इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। ‘वोट चोरी’ विवाद इससे और बढ़ गया है।
अमित मालवीय और पवन खेड़ा (बाएं)
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार बढ़ती रही है। बीजेपी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा पर दो सक्रिय वोटर आईडी (EPIC) रखने का गंभीर आरोप लगाया। पवन खेड़ा ने इसका जवाब दिया और कहा कि बीजेपी ऐसे सवाल पूछकर अब खुद भी चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर रही है। यह आरोप ऐसे समय सामने आया है, जब बिहार में वोट चोरी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। नेता विपक्ष राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा एक दिन पहले ही खत्म हुई है।
बीजेपी का आरोपः पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि पवन खेड़ा के पास दिल्ली के जंगपुरा और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्रों में दो सक्रिय वोटर आईडी हैं, जो क्रमशः पूर्वी दिल्ली और नई दिल्ली लोकसभा सीटों के अंतर्गत आते हैं। मालवीय ने इसे चुनावी नियमों का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या खेड़ा ने एक से अधिक बार मतदान किया, जो कि कानूनी रूप से अपराध है। मालवीय ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो उत्कृष्ट वोट चोर है।
मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ का शोर मचाते हैं, लेकिन वे यह भूल गए कि उनकी मां सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता मिलने से पहले ही भारत की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाया था। अब यह सामने आया है कि पवन खेड़ा, जो गांधी परिवार के करीबी होने का दावा करते हैं, उनके पास दो सक्रिय EPIC नंबर हैं।” हालांकि अमित मालवीय इस बारे में बहुत पहले सोनिया गांधी के संबंध में एक दस्तावेज जारी करते हुए यह दावा किया था। लेकिन कांग्रेस नेताओं और टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने दस्तावेज को फर्जी बताया था। मालवीय उस समय उसका जवाब नहीं दे पाए थे।
पवन खेड़ा का जवाब: चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल
खेड़ा ने यह भी मांग की कि नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से उनके नाम पर वोट डालने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए। उन्होंने कहा, “मैं यह जानना चाहता हूं कि मेरे नाम पर कौन वोट डाल रहा है। मैं 2016 में वहां से शिफ्ट हो चुका हूं।”
बीजेपी नेताओं के पास 2 वोटर कार्ड
बिहार में सबसे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड होने की बात बीजेपी ने उठाई। लेकिन अगले दिन यह खबर आ गई कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, एक एमएलसी और बीजेपी के पास भी दो-दो एपिक नंबर पाए गए। चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए इन्हें नोटिस जारी कर दिया। तेजस्वी, विजय सिन्हा और बीजेपी के अन्य नेताओं पर चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की या क्या फैसला लिया, इसकी कोई जानकारी आयोग ने अभी तक नहीं दी है। लेकिन बीजेपी ने अलबत्ता पवन खेड़ा पर वैसा ही आरोप लगा दिया है।
‘वोट चोरी’ का मुद्दा और वोटर अधिकार यात्रा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव की बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ एक दिन पहले ही खत्म हुई है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “वोट चोरी आपके अधिकार, आरक्षण, रोजगार और अच्छी शिक्षा को छीनने का प्रयास है।” उन्होंने बीजेपी को ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा देते हुए चेतावनी दी कि उनकी पार्टी जल्द ही ‘वोट चोरी’ के मामले में ‘हाइड्रोजन बम’ जैसा खुलासा करेगी।
कांग्रेस ने बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना है। पार्टी का दावा है कि इस प्रक्रिया के जरिए बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर मतदाताओं को वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने मतदाता सूची में अनियमितताओं को लेकर 89 लाख शिकायतें चुनाव आयोग को दीं, लेकिन सभी को खारिज कर दिया गया। पार्टी ने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं का दावा करते हुए ‘वोट चोरी’ के सबूत पेश किए हैं। यह विवाद बिहार में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले और गहरा सकता है, क्योंकि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने वोट चोरी के आरोप को घर-घर पहुंचा दिया है।