खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह आख़िर अब तक पुलिस की गिरफ्त से बच कैसे रहा है? जानिए, पुलिस को अब तक क्या हाथ लगा है और इसने क्या तर्क दिया है।
जो अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के हज़ारों पुलिसकर्मियों के लगने के बाद भी पकड़ में नहीं आ पाया है, वह आख़िर बचने के लिए तरीक़े क्या अपना रहा है? इस सवाल का जवाब पुलिस को मिले कुछ सबूतों से मिलता है। पुलिस का कहना है कि अलग-अलग जगहों पर जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं उसमें वह अलग-अलग गाड़ियों में नज़र आया है। एक बार मर्सीडीज गाड़ी में तो एक बार मारुति में। अब वह मारुति कार से मोटरसाइकिल पर भी सवार होता दिख रहा है। अब पुलिस को संदेह है कि वह पकड़े जाने से बचने के लिए शायद अलग-अलग हुलिया भी बदल रहा हो।
पंजाब पुलिस ने ब्रेजा कार बरामद कर ली है जिसमें अमृतपाल फरार हो गया था और उसे भागने में मदद करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह जानकारी पंजाब के आईजी (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में दी। पुलिस के अनुसार गिरफ़्तार लोगों के पास से एक 315 बोर राइफल, कुछ तलवारें और वॉकी-टॉकी बरामद किया गया है। आरोपी से पूछताछ करने पर पता चला कि अमृतपाल नंगल अंबियन गुरुद्वारे गया और वहां उसने पैंट और शर्ट बदल ली। इसके बाद तीन लोगों ने उसकी मदद की, जो उन्हें मोटरसाइकिल पर साथ ले गए।
अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाया गया है, और 18 मार्च को एक अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। हालाँकि एनएसए लगने के बाद भी यह मामला एनआईए को नहीं सौंपा गया है।
कट्टरपंथी विचारधारा वाले 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल को चार दिन से पुलिस गिरफ़्तार करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह अब तक हाथ नहीं लगा है। यह मामला जब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में गया तो उसने भी गिरफ़्तारी में देरी पर पुलिस की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा, 'आपके पास 80,000 पुलिसकर्मी हैं, उसे कैसे गिरफ्तार नहीं किया गया?' जब सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि अमृतपाल को छोड़कर बाक़ी सभी को पकड़ लिया गया है तो, कोर्ट ने पूछा कि अमृतपाल सिंह को छोड़कर सभी को कैसे गिरफ्तार किया गया। इसने 'खुफिया विफलता' पर सवाल उठाए।
बहरहाल, पुलिस ने सात तस्वीरों का एक सेट जारी किया है, जिसमें अमृतपाल सिंह विभिन्न भेष और पगड़ी में दिखता है। इनमें कुछ पुरानी तसवीरें और सोशल मीडिया पर आई तसवीरें भी हैं। इनमें से कुछ तसवीरों को सोशल मीडिया पर ट्विटर यूज़रों ने साझा किया है।
शनिवार से अब तक अमृतपाल सिंह के चाचा समेत 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के कई सदस्यों को भी कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया है और भाजपा शासित असम में हिरासत में लिया गया है। तीन दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया था लेकिन आज कुछ हिस्सों में बहाल कर दिया गया।
इधर, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल सिंह के तीन और सहयोगियों को मंगलवार को उच्च सुरक्षा वाली डिब्रूगढ़ जेल लाया गया, जिनमें उसके चाचा हरजीत सिंह भी शामिल हैं। 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े कुल सात सदस्यों को 19 मार्च से वहाँ ले जाया गया है। हरजीत सिंह को गुवाहाटी से सड़क मार्ग से डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया।
पंजाब में पुलिस की यह कार्रवाई अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों द्वारा अपने एक सहयोगी की रिहाई के लिए तलवारें और बंदूकें लेकर अजनाला पुलिस थाने में घुसने के क़रीब एक महीने बाद हुई है। उस झड़प में छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। उस घटना के बाद पंजाब सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा है कि उनकी सरकार राज्य की शांति और सद्भाव को भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस कार्रवाई पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मान ने कहा कि उन्हें कई लोगों के फोन आए, जो उनकी सरकार की तारीफ कर रहे थे। मान ने यह भी कहा कि पंजाब की शांति, सद्भावना और देश की प्रगति उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, 'हम देश के खिलाफ काम करने वाली किसी भी ताकत को नहीं छोड़ेंगे, लोगों ने आप को चुनाव में भारी जनादेश देकर जिम्मेदारी दी है।'