राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ करप्शन के मुद्दे पर मंगलवार को धरने पर बैठेंगे। लेकिन सवाल यह है कि पायलट के इस कदम से फायदा किसे होगा, जबकि राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।
सचिन पायलट सीएम गहलोत के साथ। फाइल फोटो।
राजस्थान में कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ताजा हमला करते हुए मंगलवार को करप्शन के खिलाफ एक दिन के उपवास पर बैठने का ऐलान किया है। इधर, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पायलट के गुस्से के समय को 'उचित नहीं' करार दिया, लेकिन साथ ही कहा कि वह पूर्व डिप्टी सीएम द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में गहलोत से बात करेंगे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनका मानना है कि पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय ठीक नहीं था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह गहलोत से मिलने के लिए सोमवार या मंगलवार को जयपुर जाएंगे और उनसे पूछेंगे कि 'राजे के खिलाफ मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं की गई।'
एनडीटीवी के मुताबिक कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गहलोत सरकार से वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पायलट ने कहा कि लोगों को भरोसा देना जरूरी है कि कांग्रेस सरकार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने बयानों और वादों पर काम कर रही है।
अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आबकारी माफिया, अवैध खनन, जमीन पर कब्जा और ललित मोदी शपथ पत्र मामले में कार्रवाई करने में विफल रही है।
एनडीटीवी के मुताबिक सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाए और पूछा कि उन्होंने इन मामलों की कोई जांच शुरू क्यों नहीं की। उन्होंने कहा-
कांग्रेस सरकार के पास पूर्व की भाजपा सरकार के खिलाफ सबूत थे लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की।
पायलट ने कहा, हम इन वादों को पूरा किए बिना चुनाव में नहीं जा सकते। हमारे पास सबूत हैं। हमें कार्रवाई करनी चाहिए थी। हमें जांच करनी चाहिए। हम चुनाव में जा रहे हैं। जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी। हम लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। पायलट ने यह भी कहा-
मैंने राजस्थान के मामलों के बारे में पार्टी नेतृत्व को कई सुझाव दिए थे और उनमें से एक इन मुद्दों पर कार्रवाई करना भी शामिल था। यह हमारी सरकार है। हमें कार्रवाई करने की जरूरत है। इसलिए लोगों का हम पर भरोसा बना हुआ है।
पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ उपवास की घोषणा ऐसे समय में की है जब कांग्रेस राजस्थान में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस रही है। पायलट के कदम को गहलोत पर दबाव बनाने और राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि पायलट के हर गहलोत विरोधी कदम का फायदा बीजेपी को मिलता है जो प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल है।