loader

राजस्थान: पायलट का चौंकाने वाला दाँव, पी चिदंबरम से बात की

राजस्थान के राजनीतिक संकट पर जैसी रणनीति कांग्रेस नेतृत्व अपना रहा है उसी तरह की रणनीति इसके बाग़ी नेता सचिन पायलट ने भी अख्तियार कर रखी है। सख़्ती भी और बातचीत भी। ऐसा ही चौंकाने वाला दाँव सचिन पायलट ने भी खेला है। बीजेपी के पक्षधर वकीलों से अपने केस की पैरवी कराने के बीच ही उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम से बात की है। कांग्रेस नेतृत्व भी इस मामले में सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों पर कार्रवाई कर रहा है और उनके लिए दरवाज़े भी खोले रखने की बात कह रहा है।

इस पूरे मामले में दोनों तरफ़ से सिर्फ़ बयान ही आ रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच अंदरुनी तौर पर क्या हो रहा है, इसकी जानकारी बाहर नहीं के बराबर है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से बात करने का सचिन का यह चौंकाने वाला दाँव गुरुवार को आया। चिदंबरम ने इसकी पुष्टि की और कहा, 'मैंने सिर्फ़ यह दोहराया कि नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से उन्हें मिलने के लिए आमंत्रित किया था, और सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। मैंने उन्हें इस अवसर को भुनाने की सलाह दी।'

ताज़ा ख़बरें

चिदंबरम से पायलट की यह बातचीत तब सामने आई है जब गहलोत सरकार ने सचिन सहित बाक़ी 19 विधायकों को अयोग्य क़रार देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सचिन पायलट से उप मुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष का पद पहले ही छीना जा चुका है। हालाँकि इस कार्रवाई के साथ ही कांग्रेस नेतृत्व उन्हें पार्टी में वापस लौट आने की अपील भी कर रहा है। इसका जवाब भी सचिन पायलट ने उसी अंदाज़ में दिया है। 

पायलट लगातार कहते रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। लेकिन जब उन्हें विधानसभा में अयोग्य क़रार दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो उन्होंने हाई कोर्ट में इसके ख़िलाफ़ अपील की है और पैरवी के लिए बीजेपी के पक्षधर वकीलों को ही चुना है। सचिन पायलट की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अदालत में पेश हुए। आज इस मामले में सुनवाई होने वाली है।

एक तरफ़ तो दोनों पक्षों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है और दूसरी तरफ़ बातचीत का दौर भी जारी है। इसलिए स्थिति साफ़ नहीं हो पा रही है कि दरअसल आगे क्या होने वाला है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट से बातचीत करने वाले कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि यदि वह वापस आएँगे तो उनकी 'सम्मानजनक वापसी' होगी। 

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अगर पायलट कैंप ने कार्यवाही को दो-तीन दिनों के लिए टाल दिया, तो पार्टी के वकील आपत्ति नहीं कर सकते हैं। ये प्रक्रियाएँ हैं, जिनका हमें पालन करना होगा। लेकिन अगर विधायक वापस लौटते हैं, तो अयोग्यता कार्यवाही वापस ले ली जाएगी। हमें गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश करनी होगी।'
कांग्रेस में राजनीतिक संकट पर वीडियो में देखिए आशुतोष का विश्लेषण-

राजस्थान विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों को जारी किया गया नोटिस यह स्पष्ट करता है कि उन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी लिखित टिप्पणी और प्रस्तुतियाँ भेजनी होंगी।

बता दें कि कांग्रेस की शिकायत पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था और उन्हें शुक्रवार तक उसका जवाब देने को कहा था। स्पीकर ने यह नोटिस तब जारी किया जब कांग्रेस पार्टी ने इन बाग़ी विधायकों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया था। इस नोटिस में कहा गया था कि इन विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेकर अनुशासन भंग किया है तो ऐसे में उनके ख़िलाफ़ अनुसशासन की कार्रवाई क्यों न की जाए। 

राजस्थान से और ख़बरें

अदालत में स्पीकर की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु  सिंघवी पेश होंगे जबकि बाग़ी विधायकों की पैरवी पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी करेंगे। 

पर्यवेक्षकों का कहना है कि पायलट खेमे ने यह कदम इसलिए उठाया है कि उसे अभी फिलहाल कुछ समय चाहिए। स्पीकर के नोटिस का जवाब देने की समय सीमा शुक्रवार को ही ख़त्म हो रही है। उसके बाद स्पीकर कोई कदम उठा सकते हैं और ये बाग़ी विधायक अयोग्य भी क़रार दिए जा सकते हैं। अयोग्य क़रार दिए जाने की स्थिति में वे विधानसभा के सदस्य भी नहीं रह जाएंगे। इस स्थिति से बचने के लिए यह क़ानूनी सहारा लिया जा रहा है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें