1975 में आयी फ़िल्म ‘शोले’ की सफलता ने कई चरित्र अभिनेताओं को ख़ूब शोहरत दी। मौसी के किरदार में लीला मिश्रा हों, रहीम चाचा के किरदार में ए. के. हंगल या सूरमा भोपाली के किरदार में जगदीप। हालाँकि ये सभी मंझे हुए कलाकार थे और बहुत पहले से ही हिन्दी फ़िल्मों में सक्रिय थे। जगदीप सूरमा भोपाली के किरदार से हिंदुस्तान के घर-घर में लोकप्रिय हो गए लेकिन सिने प्रेमियों का दिल वह 22 साल पहले आई फ़िल्म ‘दो बीघा ज़मीन’ में लालू उस्ताद के किरदार से ही जीत चुके थे। जिन लोगों ने ‘दो बीघा ज़मीन’ देखी है, वे इस बात से सहमत होंगे कि फ़िल्म में बलराज साहनी के बाद जगदीप का किरदार ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जो पूरी फ़िल्म की रोचकता में चार चाँद लगा देता है।