एक्स फीचर स्क्रीनशॉट, ट्रंप
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने हाल ही में एक नई सुविधा पेश की है, जो यूज़रों को किसी भी खाते बनाए जाने की लोकेशन देखने की अनुमति देती है। इस 'अबाउट दिस अकाउंट' फीचर के जरिए यूज़र किसी प्रोफाइल पर क्लिक करके उसके स्थान, जॉइन डेट, यूजरनेम, बदलाव का इतिहास और ऐप डाउनलोड विधि जैसी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा शुक्रवार को लॉन्च हुई और तुरंत ही इसने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी।
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि कई प्रमुख 'मागा' यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन या ट्रंप समर्थक दक्षिणपंथी खाते वास्तव में अमेरिका के बाहर से संचालित हो रहे हैं– भारत, नाइजीरिया, पूर्वी यूरोप, थाईलैंड, बांग्लादेश और अन्य देशों से। ये खाते अमेरिकी यूज़रों के रूप में छद्मवेश धारण कर ट्रंप अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं, जो विदेशी हस्तक्षेप और मिसइनफॉर्मेशन की आशंकाओं को जन्म दे रहा है।
इन खातों का मक़सद क्या?
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, ये खाते अमेरिकी राजनीति पर प्रभाव डालने के लिए बनाए गए लगते हैं, जहां वे अवैध आप्रवासन, इस्लाम-विरोधी सामग्री, एलजीबीटीक्यू+ मुद्दों और षड्यंत्र सिद्धांतों पर पोस्ट करते हैं। रिपोर्ट में उल्लेखित एक प्रमुख उदाहरण है '@IvankaNews_' खाता, जो नाइजीरिया से संचालित है और लगभग 10 लाख फॉलोअर्स रखता है। यह खाता इवांका ट्रंप से जुड़ा होने का दावा करता है, लेकिन वास्तव में अवैध आप्रवासन और इस्लाम के खिलाफ कटु पोस्ट साझा करता है। इसी तरह, '@MAGANationX' पूर्वी यूरोप (गैर-ईयू देश) से चल रहा है, जिसमें करीब 4 लाख फॉलोअर्स हैं। इसका बायो 'पैट्रियट वॉयस फॉर वी द पीपल' है, जो अमेरिकी देशभक्ति का प्रतीक लगता है, लेकिन स्थान उजागर होने से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं।
इस रिपोर्ट ने न केवल ट्रंप समर्थकों को चौंका दिया, बल्कि डेमोक्रेटिक पक्ष के कार्यकर्ताओं को भी राहत दी। लिबरल इन्फ्लुएंसर हैरी सिसन ने एक्स पर पोस्ट किया, "इन मागा खातों को विदेशी अभिनेताओं के रूप में उजागर होते देखना डेमोक्रेट्स की चेतावनी की पूरी पुष्टि है, जो अमेरिका को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।" द गार्डियन ने यह भी बताया कि कुछ खाते वीपीएन का उपयोग कर अमेरिकी स्थान दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन एक्स की नई सुविधा ने इन्हें पकड़ लिया। उदाहरणस्वरूप, एक टेक्सास-आधारित दावा करने वाला खाता रूस से जुड़ा पाया गया।इन खातों का काम करने का तरीका
द गार्डियन की एक अन्य रिपोर्ट, जो एशिया-आधारित प्रो-ट्रंप खातों पर केंद्रित है, ने इस मुद्दे को और गहराई दी। रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड, भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया से संचालित कई खाते युवा अमेरिकी महिलाओं के रूप में छद्मवेश धारण करते हैं। ये चुराई गई या मैनिपुलेटेड तस्वीरें इस्तेमाल करते हैं, जिनमें ट्रंप-हैट या देशभक्ति प्रतीक दिखाए जाते हैं। एक नेटवर्क थाईलैंड से चल रहा है, जो 'पैट्रियट्स को फॉलो' करने और 'ट्रंप के साथ खड़े होने' का वादा करता है। इनमें एंटी-इस्लामिक कंटेंट प्रमुख है, जो अमेरिकी दक्षिणपंथ को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया लगता है। भारत से संचालित '@Trump_Army_' खाता 6 लाख फॉलोअर्स के साथ जेएफके हत्या से ट्रंप को जोड़ने वाले षड्यंत्र सिद्धांत फैलाता है। इसी तरह, '@AmericanVoice' भारत से ही चलता है और एंटी-इस्लाम पोस्ट करता है। द गार्डियन ने बीबीसी की एक जांच का हवाला देते हुए कहा कि ये खाते एक्स की मॉनेटाइजेशन पॉलिसी का फायदा उठा रहे हैं, जहां इंगेजमेंट (रिएक्शन, रीट्वीट) के आधार पर हजारों डॉलर कमाए जा सकते हैं। लाखों फॉलोअर्स हैं इन खातों के
विशेषज्ञों के अनुसार, यह 'रेज बेट' (क्रोध भड़काने वाली सामग्री) का एक रूप है, जो वैचारिक से अधिक आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है। हालांकि, कुछ मामलों में राज्य-प्रायोजित प्रभाव की आशंका भी है, जैसा कि 2016 के रूसी बॉट फार्म्स में देखा गया था। वायर्ड पत्रिका की रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की, जिसमें बताया गया कि ट्रंप खुद इन विदेशी खातों को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, '@FanTrumpArmy' भारत से संचालित है, जिसमें 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। इसका प्रोफाइल ट्रंप की तस्वीर वाला है और जनवरी 6 कैपिटल दंगा दोषियों तथा माइकल फ्लिन जैसे लोगों द्वारा फॉलो किया जाता है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर इस खाते की एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसी तरह, '@CommentaryDonaldJTrump' अफ्रीका से चलता है और इल्हान उमर जैसे डेमोक्रेट्स पर हमला करता है। ट्रंप ने इसे भी बूस्ट किया। वायर्ड ने चेतावनी दी कि ये खाते विभाजनकारी मुद्दों जैसे आप्रवासन, जेंडर और इजरायल पर पोस्ट करते हैं, जो अमेरिकी चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकते हैं।
न्यूज़वीक की एक रिपोर्ट ने विदेशी मेगा खातों की पूरी सूची प्रकाशित की, जो द गार्डियन से आगे बढ़ती है। इसमें शामिल हैं:
- '@ColdWarPatriot': चिली से, 1.4 लाख फॉलोअर्स; बायो में यूएसएएफ वेटरन और रोनाल्ड रीगन का जिक्र।
- '@AmericaFirst0': बांग्लादेश से, 60,000 फॉलोअर्स; 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' बायो।
- '@_MagaScope': नाइजीरिया से, 50,000 फॉलोअर्स।
- '@femalebodybuil6' (मेगा नादीन): मोरक्को से, 3.9 लाख फॉलोअर्स; 'ट्रंप लवर' और #मेगा टैग।
- '@MAGANation': पूर्वी यूरोप से, 3.9 लाख फॉलोअर्स।
- '@DarkMagaCoin': थाईलैंड से, 15,000 फॉलोअर्स।
- '@MAGAWorld4896': पूर्वी एशिया/प्रशांत से, 3,000 फॉलोअर्स; 'ओवरसीज मेगा' बायो।
- '@Americaman_Hero': इंडोनेशिया से, 15,000 फॉलोअर्स।
- '@MAGA100X': जर्मनी से, 1,000 फॉलोअर्स।
- '@1776General': तुर्की से, 1.4 लाख फॉलोअर्स; उपयोगकर्ता ने कहा कि वह काम के सिलसिले में तुर्की में है।
फोर्ब्स की रिपोर्ट ने अतिरिक्त विवरण दिए, जैसे '@Hannanative' वियतनाम से 1 लाख फॉलोअर्स के साथ, और '@Mette' (स्मार्टगर्ल2के24) थाईलैंड से। फोर्ब्स ने संतुलन के लिए गैर-मागा खातों का भी जिक्र किया, जैसे 'रिपब्लिकन्स अगेंस्ट ट्रंप' जो ऑस्ट्रिया से था लेकिन अब वीपीएन डिस्क्लेमर के साथ यूएस दिखा रहा है। इससे पता चलता है कि समस्या द्विपक्षीय हो सकती है, लेकिन मागा खाते अधिक संख्या में प्रभावशाली हैं।
विदेशी प्रभाव के निहितार्थ
ये खुलासे अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हैं। सेंटर फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस (सीआईआर) की 2024 रिपोर्ट ने चुराई गई तस्वीरों वाले फेक मागा खातों का पर्दाफाश किया था, जो अब एक्स की सुविधा से सत्यापित हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये खाते न केवल मिसइनफॉर्मेशन फैला रहे हैं, बल्कि एक्स की एल्गोरिदम को हेरफेर कर ट्रंप अभियान को मजबूत कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीकी 'व्हाइट जेनोसाइड' दावों को ट्रंप द्वारा दोहराने जैसे उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे विदेशी सामग्री मुख्यधारा में घुसपैठ कर रही है। हालांकि, कुछ खाते अपनी विदेशी उत्पत्ति स्वीकार कर चुके हैं। '@FanTrumpArmy' ने बायो बदलकर 'ट्रंप, मस्क प्रेमी भारतीय' लिखा।
व्हाइट हाउस ने मजाक उड़ाते हुए पोस्ट किया कि इन चिंताओं का स्थान 'डेमोक्रेट्स के सिर में किराए पर' है। लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि एक्स की मॉनेटाइजेशन ने विवादास्पद कंटेंट को प्रोत्साहित किया है, जो वैश्विक स्तर पर राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ा रहा है।