अब राष्ट्रपति के बॉडीगार्डों की जाति को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सवाल पूछा जा रहा है कि आख़िर सिर्फ़ तीन जातियों के लोगों को ही राष्ट्रपति का बॉडीगार्ड क्यों बनाया जाता है? बाक़ी जातियों में क्या कमी है कि उन्हें राष्ट्रपति की सुरक्षा के लायक़ नहीं समझा जाता?