मोदी सरकार बेरोज़गारी को घटाकर दिखाने के लिए आंकड़ों में क्या हेराफेरी करती है? जानिए, हक़ीक़त क्या है।
हरियाणा में हर तीसरा शख्स बेरोजगार है। सितंबर में पिछली सीएमआईई रिपोर्ट आई थी। अब दिसंबर की रिपोर्ट आई है। हरियाणा बेरोजगारी में खुद अपने आंकड़े का रेकॉर्ड तोड़ रहा है। दूसरी तरफ सरकारी नौकरियों में ऐप्लिकेशन फॉर्म के नाम पर बेरोजगारों से पिछले 8 वर्षों में 205 करोड़ वसूले गए। पूरी जानकारी सिर्फ सत्य हिन्दी परः
बेरोजगारी के आँकड़े फिर से परेशान करने वाले आए हैं। आम लोगों की परेशानी को दिखाने वाले ये आँकड़े सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे?
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के पहले साल में यानी 2020 में कितने लोग ग़रीबी में धकेल दिए गए, इस पर अब एक पुख्ता रिपोर्ट सामने आई है। जानिए, इससे कितने लोग प्रभावित हुए।
रोजगार के मामले में क्या हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि लोगों ने निराश होकर काम ढूंढना ही बंद कर दिया है? निश्चित रूप से यह स्थिति चिंताजनक है।
देश में बेरोजगारी की हालत कैसी है? यदि आप सिर्फ़ बेरोज़गारी दर के आधार पर आकलन कर रहे हैं तो आपको अपनी राय बदलनी पड़ सकती है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि निराश होकर अधिकतर लोगों ने नौकरी ढूंढनी ही छोड़ दी?
सीएमआईई के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली से सटे हरियाणा में जनवरी में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 23.4% रही और राजस्थान में यह 18.9% रही।
सरकार के दावों पर और अख़बारों के पहले पन्नों पर यक़ीन करें तो कोरोना की दूसरी लहर भी अब ख़त्म होने को है। सवाल पूछा जाने लगा है कि बाज़ार कब खुलेंगे, कितने खुलेंगे? हम कब बाहर निकल कर खुले में घूम पाएँगे?
लॉकडाउन की घोषणा या उससे पहले नौकरियों के बारे में जिस तरह की आशंकाएँ जताई जा रही थीं, ठीक वैसा ही असर हुआ है। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जुलाई तक 1 करोड़ 89 लाख वेतन भोगी लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं।
लॉकडाउन के बाद बेरोज़गारी दर भयावह बढ़ गई है। लॉकडाउन से पहले 15 मार्च वाले सप्ताह में जहाँ बेरोज़गारी दर 6.74 फ़ीसदी थी वह तीन मई को ख़त्म हुए सप्ताह में बढ़कर 27.11 फ़ीसदी हो गई है।
लॉकडाउन के बाद बेरोज़गारी दर काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। 30 मार्च से 5 अप्रैल के दौरान यानी छह दिन में बेरोज़गारी दर बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई है।
लोकसभा चुनाव के बीच ही मोदी सरकार के लिए बेरोज़गारी के मामले में एक और बुरी ख़बर आयी है। सीएमआईई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले तीन हफ़्ते में बेरोज़गारी दर औसत रूप में 8.1 फ़ीसदी पहुँच गयी है।