Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत ने आत्महत्या करने की धमकी दी । पुलिस गाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराेने पहुँची, टिकैत बोले - नहीं करेंगे खाली
सरकार की स्क्रिप्ट के हिसाब से ही हो रहा सबकुछ? आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए सरकार क्या कर रही? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण। Satya Hindi
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन से जुड़े संगठनों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली करने का नोटिस दे दिया है।
16 विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका एलान करते हुए कहा है कि वे आन्दोलनकारी किसानों के साथ है और उनके साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायाकॉट करेंगे। इन दलों ने एक तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग सरकार से की है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राहुल : सभी लोग कृषि क़ानूनों को समझ लें तो देशभर में आंदोलन होगा । ‘मोदी शासन तेज़ी से बड़ती अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना का एक सबक’
कृषि क़ानूनों की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है। वह 25 एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।हिंसा के बाद बजट के दिन किसानों का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द।ट्रैक्टर रैली हिंसा: 25 FIR में 37 किसान नेताओं के नाम
सरकार शुरू से कृषि क़ानून वापस नहीं लेने और किसान आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए फूट डालने की रणनीति पर चल रही थी। ट्रैक्टर परेड के बाद उसे बहाना मिल गया है।
किसान आंदोलन के दौरान लाल क़िले पर हिंसा से पहले पंजाबी फ़िल्मों के अभिनेता दीप सिंह सिद्धू ने कहा था- 'पिक्चर तो अभी बाक़ी है मेरे दोस्त...'।
ट्रैक्टर रैली हिंसा में दिल्ली पुलिस अब तक 25 एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं। इनमें 30 से ज़्यादा वे हैं जो 40 किसान नेता कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे थे।
ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के लिए आख़िर कौन जिम्मेदार? आंदोलन पर टूट पड़ी सरकार, किसान नेताओं के ख़िलाफ़ मामले दर्ज। देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
छह महीने के राशन-पानी और चलित चौके-चक्की की तैयारी के साथ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पहुँचे किसान अपने धैर्य की पहली सरकारी परीक्षा में ही असफल हो गए हैं, क्या ऐसा मान लिया जाए?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आंदोलन में साज़िश हुई, अमित शाह बर्खास्त किए जाएँ: कांग्रेस । 37 किसान नेताओं के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए केस
राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने आन्दोलन छोड़ वापस लौटने के एलान करते हुए कहा कि वे सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए आन्दोलन में शामिल हुए थे।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वीएम सिंह किसान आंदोलन से अलग हुए, टिकैत पर आरोप । भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) ने भी आंदोलन किया ख़त्म
किसान लाल क़िले पर चढ़ गये । आंदोलन में फूट का अंदेशा । वी एम सिंहं AIKCC के कनवीनर। उनका आरोप दूसरे किसान नेता राकेश टिकैत सरकार के पिट्टू हैं ।
किसान आंदोलन में हिंसा के लिए कांग्रेस ने सीधे गृह मंत्री अमित शाह बर्खास्त करने की मांग की है। इसने कहा कि आंदोलन को बदनाम करने की साज़िश रची गई।
ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद अब पुलिस की सक्रियता तेज दिखने लगी है। पुलिस ने किसान नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की है। इनमें योगेंद्र यादव और कम से कम 9 किसान नेताओं के नाम हैं। इन 10 लोगों में बीकेयू नेता राकेश टिकैत का भी नाम है।
किसानों ने शहर में घुस गलती की ? आशुतोष के साथ चर्चा में सतीश के सिंह, विजय त्रिवेदी और शीतल सिंह। Satya Hindi
क्या केंद्र सरकार कृषि क़ानूनों पर पहले से अधिक सख़्त रुख अपनाएगी और बातचीत फिर शुरू करने में दिलचस्पी नहीं लेगी? क्या किसान संगठन ट्रैक्टर रैली और हिंसा के बाद अपने स्टैंड से पीछे हटेंगे?
गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद अब एक फ़रवरी को बजट के दिन प्रस्तावित 'संसद मार्च' रद्द किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार किसान संगठनों ने इसके संकेत दिए हैं।
ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को जो हिंसा हुई उसके लिए क्या कोई योजना बनी थी और यदि बनाई थी तो किसने? क्या इसमें केंद्र सरकार की एजेंसियों का हाथ था और क्या पंजाबी फ़िल्मों के अभिनेता दीप सिद्धू ने इसमें अहम भूमिका निभाई?
ट्रैक्टर रैली हिंसा में मंगलवार को कम से कम 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के मामले में अब तक 22 एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी हैं। क़रीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
क्या किसानों ने अपने ही आंदोलन को कमज़ोर किया ? दिल्ली पुलिस जानबूझकर किसानों की छवि ख़राब कर रही है? सरकार जीत पाएगी किसानों का भरोसा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण।
किसान आंदोलन में हिंसा का पूरा विश्लेषण। सत्य हिंदी के विशेष कार्यक्रम सुनिए सच में। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ‘अफ़सोसजनक है कि केन्द्र ने स्थिति इस हद तक बिगड़ने दी’।लाल किले में घुसे किसान, फहरा दिया अपना झंडा