Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हिंसात्मक हुई ट्रैक्टर रैली, एक किसान की मौत । लाल किले में घुसे किसान, फहरा दिया अपना झंडा
किसानों के एक हिस्से ने उपद्रव किया है । पुलिस से मुठभेड हुयी है । एक आदमी की मौत हो गयी है । क्या भटक गया आंदोलन ? आशुतोष के साथ विशेष कवरेज ।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की ग्राउंड रिपोर्ट। देखिए क्यों ग़ुस्से में हैं किसान ? Satya Hindi
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारियों की बैठक ली और इसमें सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का फ़ैसला लिया गया। अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमा से सटे इलाक़ों में चल रहा किसान आन्दोलन मंगलवार को बेकाबू हो गया।
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को हिंसा के बाद दिल्ली के बाहरी इलाकों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ये सेवाएँ आज रात 12 बजे से पहले तक बंद रहेंगी।
प्रदर्शन करने वाले किसानों ने मंगलवार को लाल क़िले की प्राचीर से पीले रंग का झंडा फहराया। वह वही जगह है जहाँ से प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं।
किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसात्मक हो गई है। पुलिस और किसानों की झड़प के बीच एक आदमी की मौत हो गई है। मौत की यह रिपोर्ट आईटीओ के पास से आई है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान नेताओं के हाथ से निकली रैली, लाल किले तक पहुंचे किसान । उग्र हुआ प्रदर्शन, डीटीसी बस में हुई तोड़फोड़
किसानों के बेकाबू होने और सैकड़ों लोगों के लाल किला परिसर में दाखिल होने के बाद कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसान आन्दोलन चलाने वाली शीर्ष संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से पल्ला झाड़ लिया है।
किसानों के केंद्रीय दिल्ली तक पहुँच जाने के बाद मेट्रो स्टेशनों के गेट को बंद कर दिया गया है। ग्रीन लाइन के सभी स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। दूसरे कई स्टेशनों सहित आईटीओ मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान एकता मोर्चा : आज की रैली को आख़िरी आंदोलन न समझें । राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड; दिल्ली में ही किसानों की 'ट्रैक्टर परेड'
किसान आंदोलन से संघ के एजेंडे को बहुत ज़्यादा नुक़सान होने वाला है। संघ हिंदुत्व के एजेंडे को जल्दी से जल्दी पूरा करने की जुगत में है। क्या इस कारण मोदी और संघ में मतभेद है?
ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। सिंघु बॉर्डर पर बचे हुए बैरिकेड को भी किसानों ने तोड़ दिया और फिर पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने बल का प्रयोग किया। किसानों पर लाठी चार्ज किया और आँसू गैस के गोले छोड़े।
26 जनवरी को किसान रैली को देश का ही नहीं विदेश का मीडिया भी कवर कर रहा है। वह एक फ़रवरी को भी यह आंदोलन कवर करेगा।
देश आज 72वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बीच किसानों की ट्रैक्टर परेड यानी ट्रैक्टर रैली शुरू हो गयी। इस रैली को गणतंत्र दिवस समारोह ख़त्म होने के बाद शुरू होना था।
आखिर किसान क्यों सरकार की बात नहीं मानते ? क्यों वो रैली निकालने पर तुले हैं ? आखिर मक़सद क्या है ? हिंसा हुई तो ! आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, अविक साहा, राहुल राज, एम जे खान ।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।पवार : राज्यपाल के पास कंगना से मिलने का वक़्त किसानों के लिए नहीं।1 फरवरी, बजट के दिन संसद कूच करेंगे किसान
दिल्ली पुलिस द्वारा ट्रैक्टर परेड यानी ट्रैक्टरों की रैली को मंजूरी दिए जाने के बीच किसानों ने कहा है कि तीन नहीं बल्कि 9 जगहों से ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। हालाँकि पुलिस ने पहले तीन रूटों पर ही रैली की मंजूरी दी थी।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के पास दो महीने से चल रहे किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए मुंबई के आज़ाद मैदान में सभा हो रही है। शरद पवार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बगैर चर्चा के क़ानून पारित किए गए।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसान गणतंत्र दिवस पर जो ट्रैक्टर परेड निकालने वाले हैं, उस पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पाकिस्तान से उसको बाधित करने की तैयारी थी।
दिल्ली पुलिस ने किसानों को 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दे दी है, लेकिन कई शर्तें लगाई हैं। पुलिस ने कहा है कि किसान दिल्ली में घुस तो सकेंगे लेकिन गणतंत्र दिवस परेड में बाधा नहीं डाल सकेंगे।
दिल्ली के पास आन्दोलन चला रहे किसान संगठनों की शीर्ष संस्था संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर ऑल इंडिया किसान सभा ने नाशिक से मुंबई का मार्च निकाला है। मुंबई के आज़ाद मैदान में 24 से 26 जनवरी तक किसान धरने पर बैठेंगे।
भारतीय किसान आंदोलन की तुलना क्या चीनी ‘लांन्ग मार्च’ से की जा सकती है? उसी की तरह, यह कई बाधाओं का सामना करेगा, कई मोड़ आएँगे...।
कौन किसान आंदोलन में कराना चाह रहा है हिंसा ? किसानों को धमकी कौन दे रहा है? बंगाल चुनाव से पहले नेताजी सुभाष चेन्द्र बोस को लेकर आमने सामने बीजेपी और टीएमसी! देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। satya Hindi
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।किसान: किसानों की ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस ने दी इजाज़त।किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर पकड़े गए शख्स ने मारा यू-टर्न