किसान आंदोलन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कई बार चिंता जता चुके हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आज करेंगे भूख हड़ताल, मनाएँगे सद्भावना दिवस । सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा में पुलिस ने 44 लोगों को किया गिरफ़्तार
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को सद्भावना दिवस मना रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली-यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटाने की कोशिश योगी सरकार को भारी पड़ सकती है।
जो किसान आंदोलन 25 जनवरी तक भारतीय लोकतंत्र की शान बढ़ा रहा था, वही अब दुख और शर्म का कारण बन गया है। इस आंदोलन ने हमारे राजनीतिक नेताओं के बौद्धिक और नैतिक दिवालिएपन को उजागर कर दिया है।
गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के संदर्भ में जो कुछ भी घटित हुआ वह बेहद शर्मनाक व निंदनीय तो ज़रूर था परन्तु यह सब पूर्णतया अनअपेक्षित क़तई नहीं था।
टिकैत के आँसुओं से पश्चिमी यूपी में मज़बूत हुआ किसान आंदोलन! सिंघु बॉर्डर पर उपद्रव के पीछे कौन? योगी को भारी पड़ेंगे टिकैत? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ।Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। महापंचायत : लोग बोले- टिकैत के हर आँसू का बदला लिया जाएगा । महापंचायत में फैसला- गाजीपुर पहुँचकर आंदोलन मजबूत करें
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मुज़फ़्फ़रनगर में हुई महापंचायत, उमड़ पड़ा जनसैलाब । संजय सिंह बोले - आंदोलन ख़त्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं
दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा। सिंघु बॉर्डर पर किसने कराया बवाल? पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैसे मजबूत हुआ आंदोलन? देखिए वरिष्ठ पत्रकारों की चर्चा। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आंदोलन को लेकर आज मुज़फ़्फरनगर में किसानों की महापंचायत । राकेश टिकैत के आँसुओं के बाद समर्थन में उतरे विपक्षी नेता
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाई।
किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक होने वाले वीडियो के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा है।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की परेड में एक गुट द्वारा हिंसा की गई। समूचे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की रिपोर्टिंग आईटीओ, बादली और नांगलोई में होने वाली छिटपुट हिंसा पर ही केंद्रित थी, जबकि 95 फ़ीसदी ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्वक रही।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ स्थानीय लोग उग्र हो गए हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। टिकैत : आंदोलन ख़त्म नहीं होगा, शांति बनाए रखें । मुज़फ़्फरनगर में आज किसानों की महापंचायत, जुटेंगे किसान
दुष्कर्म करने वाली अधिकांश भारतीय मीडिया का हालिया रिकॉर्ड देखकर उनको जनता का दुश्मन क़रार देना कुछ ग़लत न होगा। किसान आंदोलन में कैसी रही इसकी भूमिका?
टिकैत के भावुक होने का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इतना जबरदस्त असर हुआ कि 24 घंटे से कम वक़्त में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मेला लग गया।
क्या राकेश टिकैत के रो पड़ने ने किसान आंदोलन में नये सिरे से जान फूँक दी है? रात यह लग रहा था कि पुलिस ज़बरन किसानों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से हटा देगी लेकिन वैसा नहीं हुआ।
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गाज़ीपुर से किसानों को हटाने की ख़बरों के बीच तनाव है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है तो किसान भी भारी तादाद में पहुँच गए हैं। टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करते रहे पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डेय, सांसद शशि थरूर जैसे आठ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है। इनपर जानबूझकर दंगा कराने का आरोप लगाया गया है।
26 जनवरी को आख़िर क्या-क्या हुआ जो अस्वीकार्य और निंदनीय था। पहली जो अस्वीकार्य चीज़ थी, वह लाल क़िले पर एक धार्मिक झंडा लगाने की हरकत थी।
दीप सिद्धू ने आंदोलन को पटरी से उतारा? ट्रैक्टर रैली से हुआ किसान आंदोलन कमज़ोर ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण। Satya Hindi
सरकार का क़हर शुरू । किसानों पर देशद्रोह और UAPA में मुकदमा । क्या आंदोलन खत्म ? आशुतोष के साथ चर्चा में डा सुनीलम, विजय त्रिवेदी, सतीश के सिंह, नरेंद्र तनेजा ।
इंडिया टुडे ने अपने कंसलटिंग एडिटर और वरिष्ठ एंकर राजदीप सरदेसाई को दो हफ़्तों के लिए ऑफ एअर कर दिया है, यानी उन्हें इस समय के लिए एंकरिंग से हटा दिया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल और दर्जनों रोडबेज बसें तैनात । सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने की नारेबाज़ी