किसान आंदोलन का नया केंद्र बने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बीते एक हफ़्ते में कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे हैं। हालांकि किसानों ने किसी नेता को उनके मंच का राजनीतिक इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इस बात का अंदाजा कतई नहीं रहा होगा कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराने की उसकी कोशिश का इतना जबरदस्त रिएक्शन होगा कि माहौल ही बदल जाएगा।
क्या सरकार को लगता है कि किसानों को आंदोलन करने से दीवारें और कंटीले तार रोक पाएँगे? किसानों के प्रदर्शन स्थल पर जिस तरह से दीवारें खड़ी की जा रही हैं, कंटीले तार लगाए जा रहे हैं और गड्ढे खोदे जा रहे हैं उससे यह सवाल उठना लाजिमी है।
अब तक पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित रहे इस आंदोलन के समर्थन में राजस्थान के किसान भी खड़े हो रहे हैं।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन का मुद्दा एक बार फिर संसद पहुँच गया है। मंगलवार को राज्यसभा में इस पर हंगामा हुआ और दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान नेताओं का एलान, 6 फ़रवरी को देश भर में जाम करेंगे सड़कें । ग़ाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, लगाए कटीले तार
किसान प्रदर्शन के दौरान नवरीत सिंह की मौत के मामले में पुलिस जितनी सफ़ाई दे रही है उससे ज़्यादा सवाल खड़े होते जा रहे हैं। पुलिस ने दावा किया कि 26 जनवरी को किसानों के प्रदर्शन के दौरान नवरीत सिंह की मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी।
किसानों की आवाज़ को क्यों दबा रही है सरकार? किसानों के लिए कटीले तार क्यों ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण। Satya Hindi
दो महीने से ज़्यादा वक़्त से दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसान नेताओं ने आंदोलन को धार देने का एलान किया है।
क्या अहंकार में आकर प्रदर्शनों को अनदेखा कर रही मोदी सरकार? बजट से आम आदमी को कुछ मिला भी है? म्यांमार में तख्तापलट के मायने। देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण। Satya Hindi
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हुंकार भर रहे आंदोलनकारी किसान जिन बॉर्डर्स पर बैठे हैं, वहां इन दिनों बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात करने, कंक्रीट की दीवार बनाने सहित कई क़दम उठाए जा रहे हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मुज़फ़्फरनगर,बागपत के बाद बिजनौर की महापंचायत में उमड़े लोग । ट्रैक्टर परेड हिंसा : 44 FIR दर्ज, 122 लोगों की हुई गिरफ़्तारी
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किसान आंदोलन में दिल्ली का ऐतिहासिक लाल क़िला भी चर्चा में आ गया है। कुछ जगह उपद्रव होने की ख़बरों के बीच सबसे ज़्यादा फोकस इस बात पर रहा कि कुछ लोगों ने लाल क़िले पर तिरंगे के बजाय दूसरा झंडा फहरा दिया।
सरकार और शासक दल जनता के उन हिस्सों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़का रहे हैं जो उसके उन क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं जो उन्हें हानिकर लगते हैं।
कृषि क़ानूनों के वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन ने जाति और धर्म की बाधाओं को तोड़ कर लोगों को एकजुट कर दिया है। इसके अलावा, इन्होंने राजनेताओं को इस मामले से दूरी बनाये रखने के लिए कहा है।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डेय जैसे पत्रकारों और कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर अब दिल्ली पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। किसान आंदोलन हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट के लिए केस दर्ज किया गया है।
किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया।
29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर हुए पथराव की तमाम सचाइयाँ सामने आ गई हैं। यह साफ़ हो गया है कि किसानों के आंदोलन से नाराज़ स्थानीय लोग इस प्रायोजित हिंसा में शामिल नहीं थे।
किसान आंदोलन को लेकर सरकार की कथनी और करनी में क्या है फर्क! देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण। Satya Hindi
क्या है किसानों पर हमले की साजिश ? लाल क़िला, सिंघू बार्डर और ग़ाज़ीपुर बार्डर पर हमले का पैटर्न ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो आनंद कुमार, सतनाम सिंह मानक, अशोक वानखेड़े, एम जे खान, आलोक जोशी ।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। इंटरनेट रोकने से भड़के किसान नेता । बीजेपी में शामिल होंगे टीएमसी के पांच नेता
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सरकार किसानों से एक फ़ोन की दूरी पर: मोदी । निशान साहिब फहराए जाने पर अमरिंदर सिंह नाराज़
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मारे गए युवक नवरीत सिंह के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव किसानों के सामने रखा गया है, सरकार अभी भी उस पर कायम है।
क्या दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु सीमा पर बैठे आन्दोलनकारी किसानों को वहाँ से हटाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया है? या स्थानीय होने का दावा करन वाले लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं?