पुलिस ने पहले भी कहा था कि गुरुद्वारे में पहुंचा युवक चोरी करने आया था। जबकि भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि इस शख़्स ने निशान साहिब की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि कपूरथला में हुई लिंचिंग के मामले में बेअदबी का कोई सुबूत नहीं मिला है।
पंजाब में बेअदबी के मामले और भीड़ हिंसा को लेकर जिस तरह के बयान आ रहे हैं और उस पर जिस तरह की चुप्पी है, क्या वे अच्छे संकते हैं? सजा अदालतें तय करेंगी या भीड़?
निश्चित रूप से ऐसे वक़्त में जब लिंचिंग को लेकर नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे, अमरिंदर सिंह का यह बयान इस चुप्पी को तोड़ने की कोशिश है।
पंजाब में बेअदबी के नाम पर हुई मॉब लिंचिंग का विरोध भी आख़िरकार शुरू हो गया है।
हालांकि जांच में ही साफ होगा कि बेअदबी की इन घटनाओं के पीछे किसका हाथ है लेकिन अगर कोई साज़िश इन घटनाओं के पीछे है तो इसे बेनक़ाब करना ज़रूरी है।
पंजाब में चुनाव सामने हैं और उससे पहले बेअदबी की घटनाओं को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
स्वर्ण मंदिर में हत्या की पुरजोर निंदा करने में राजनीतिक दल पीछे क्यों हैं? उन्हें किस बात का डर है?
श्री स्वर्ण मंदिर साहिब में हुई बेअदबी यकीनन निंदनीय और असहनीय है लेकिन इस सवाल का जवाब कौन देगा कि किसी को पीट-पीटकर मार देना कहां तक जायज है?
पंजाब के अमृतसर में बेअदबी के मामले में पीट-पीटकर मारे जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि 24 घंटे के अंदर एक और ऐसी घटना हो गई।
जिस पंजाब में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहाँ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई और क्यों बेअदबी का प्रयास किया गया?