जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर रहने वाली आबादी पर आफत टूट पड़ी है, प्रभावित इलाकों में अभी भी मातम पसरा है, हर आंख नम है और हर दिल गमगीन है।
अनुराधा भसीन ने आरोप लगाया है कि कुछ गुंडों ने जम्मू में उनके सरकारी फ्लैट पर धावा बोलने के बाद घरेलू सामान को नष्ट कर दिया और फ्लैट पर क़ब्ज़ा कर लिया है। साल 2000 में भसीन को यह फ्लैट आवंटित किया गया था।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह पैकेज उस भारी नुक़सान की तुलना में बहुत छोटा है जिसका सामना 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर को करना पड़ा है।
जम्मू और कश्मीर से छीन लिए गए विशेष संवैधानिक दर्जे (स्टेटहुड) को बहाल करने के लिए कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं की प्रतिबद्धता केवल ज़बानी जमा खर्च साबित हो रही है।
कश्मीर घाटी में एक मजबूत धारणा है कि नई दिल्ली जम्मू और कश्मीर को अस्थिर करने के मिशन पर है।
उमर अब्दुल्ला के ट्विटर प्रोफाइल पर बायो में लिखा है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत क़ैद रह चुके हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि शाह फ़ैसल ने राजनीति छोड़कर न केवल अपनी पार्टी बल्कि उन सैकड़ों कश्मीरी युवाओं को मंझधार में छोड़ दिया है जिन्होंने नई पार्टी बनाने में उनका साथ दिया था।
मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के समय कहा था कि यह जम्मू और कश्मीर के विकास के नए युग की शुरुआत करेगा। लेकिन 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर और कश्मीर के लोगों की विकट स्थिति है।