हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को लेकर राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया है। क्या उनके निर्देशों के बाद पार्टी में एकजुटता आएगी? जानिए राजनीतिक समीकरणों में संभावित बदलाव।
दीपेंद्र हुड्डा के अभियान 'हरियाणा मांगे हिसाब' ने क्या बीजेपी को काफ़ी ज़्यादा फायदा पहुँचाया? लोकसभा चुनाव के बाद पिछड़ चुकी भाजपा के लिए क्या यह 'संजीवनी' साबित हुआ?
हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस्तीफा दे दिया है।
हरियाणा में कांग्रेस क्यों जीता चुनाव हारी ? ये रहस्य अभी तक बना हुआ है ? कांग्रेस मंथन कर रही है । हुड्डा से लेकर शेलजा तक सब गुनाहगार है लेकिन जनता का क्या? CSDS LOKNITI survey ने किया खुलासा क्यों हारी कांग्रेस ? आशुतोष के साथ रविंद्र श्योराण और शीतल पी सिंह
हरियाणा में कांग्रेस जीती हुई बाजी कैसे हारी अभी तक इस पर विश्लेषण जारी है। इस तथ्य में कितना दम है कि कांग्रेस निर्दलीय और बागियों की वजह से हरियाणा में हार गई। समझिये पूरी राजनीतिः
चुनाव आयोग ने जो रुझान बताये हैं, उसके मुताबिक हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने की उम्मीद है। भाजपा का प्रदर्शन 2019 के मुकाबला ज्यादा बेहतर होने के संकेत साफ-साफ मिल रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस राज्य में सत्ता विरोधी लहर को क्यों नहीं भुना सकी।
हरियाणा में 90 सीटों के लिए शनिवार को मतदान है। भाजपा ने आखिरी दांव खेलते हुए कांग्रेस को ड्रग्स रैकेट में पकड़े गए कथित आरोपी से जोड़कर छवि धूमिल करने की कोशिश की। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को इस बारे में ट्वीट किया। लेकिन हरियाणा में कोई असर नहीं है। कांग्रेस ने अशोक तंवर को अपने पाले में लाकर उससे बड़ा धमाका कर दिया। फालौदी सट्टा बाजार कह रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस को 60 सीटें तक मिल सकती हैं। हालांकि भाजपा नेता चमत्कार की आस में बैठे हैं। वो चमत्कार कहां से होगा, कोई नहीं जानता। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को होशियार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के मुख्य रणनीतिकार और गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा में प्रचार के आखिरी चरण में गैरहाजिर रहे।दोनों नेताओं ने बुधवार और गुरुवार को किसी रैली को संबोधित नहीं किया। क्या यह माना जाए कि भाजपा ने आखिरी चरण में हथियार डाल दिये हैं। हरियाणा के राजनीतिक संकेत क्या हैंः
राहुल की यात्रा को मिल रहा ज़बर्दस्त समर्थन क्या वोट में भी बदलेगा? मोदी, शाह अब क्या करेंगे? क्या उनके पास भी है कोई ब्रम्हास्त्र?
हरियाणा में चुनाव अंतिम दौर में है। राहुल गांधी की पिछली दो रैलियों, डंकी वीडियो और सोमवार से शुरू हुई उनकी विजय संकल्प यात्रा ने पूरा चुनाव ही बदल दिया है। अभी तक यह चुनाव कई कोणीय था लेकिन राहुल ने अब इसे सीधे कांग्रेस-भाजपा की लड़ाई बना दिया है। भाजपा काफी परेशान है और अब वो मोदी को फिर से हरियाणा में ला रही है। उसने भाजपा के प्रभाव वाले क्षेत्रों में कार्यक्रम की योजना बनाई है। राहुल को सोमवार को उनकी यात्रा में मिले रेस्पांस से भाजपा हतप्रभ है। लोग पुलों और छतों पर राहुल को सुनने के लिए दूर तक खड़े थे।
हरियाणा में चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मतदान में पांच दिन बचे हैं। लेकिन भाजपा में माहौल उठापटक वाला चल रहा है। पार्टी में असंतुष्ट अपने आलाकमान (मोदी-शाह) की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं। चुनाव के अंतिम चरण में भाजपा आलाकमान ने 8 नेताओं पर कार्रवाई की है। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस में भी अमन चैन नहीं है। कांग्रेस ने 13 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
हरियाणा में नाराज चल रही कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के चुनाव प्रचार में फिर से लौटने का फैसला किया है। इस बीच उनके बारे में खबरें मिली थीं कि वो हुड्डा से नाराज होकर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क साध रही हैं। इन अफवाहों का खंडन करने के लिए सैलजा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। खड़गे ने उन्हें समझाकर वापस भेजा और सैलजा अब फिर से चुनाव प्रचार में पार्टी के लिए जुटने जा रही हैं।
मोदी की रैली फ्लॉप होने और मतदाताओं की नाराज़गी ने बीजेपी का संकट कितना बढ़ा दिया है? क्या अब कांग्रेसी ही उसकी लाज बचाएंगे?
आम आदमी पार्टी हरियाणा में 10 सीटें मांग रही है। कांग्रेस पसोपेश में है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में इस गठबंधन से खुश नहीं हैं। यही वजह है कि अभी तक दोनों के गठबंधन का ऐलान नहीं हो पाया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव पर Opinion Poll. लगातार दो बार सरकार बनाने वाली बीजेपी की हालत क्यों हैं हरियाणा में खराब । पिछले बार के किंग मेकर दुष्यंत चौटाला क्यों है परिदृश्य से ग़ायब ? क्यों है कांग्रेस बम बम ? मोदी का जादू कितना चलेगा ? आशुतोष ने LokPoll Survey के नतीजों पर बात की शीतल पी सिंह, रविंद्र सिंह श्वैराण और मदन मोहन झा से ।
हरियाणा में मौजूदा कांग्रेस सांसदों के चुनाव लड़ने पर पार्टी ने रोक लगा दी है। इस तरह सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के विधानसभा चुनाव लड़ने पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लग गई है, जबकि दोनों खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं। अब कांग्रेस की ओर से हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए रास्ता साफ हो गया है।
हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन मुश्किल है। इसके संकेत हरियाणा की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कुमारी शैलजा ने पीटीआई से बातचीत में दिए। शैलजा ने हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका को भी खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में कांग्रेस को शानदार सफलता मिलने जा रही है और कांग्रेस की सरकार बनेगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो महीने बचे हैं लेकिन हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी तेज होती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से भाजपा सरकार के खिलाफ एक यात्रा पहले से ही निकल रही है। लेकिन अब कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने अलग से कांग्रेस संदेश यात्रा 27 जुलाई से निकालने की घोषणा कर दी है। उनके पोस्टर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के नाम और फोटो गायब हैं। जानिए पूरी राजनीतिः
भाजपा प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ करने में मशगूल है। कांग्रेस के हुडा गुट से असंतुष्ट कई नेता पार्टी छोड़ भाजपा की ओर बढ़ गए हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा?
बंसी लाल के दिवंगत बेटे सुरेंद्र सिंह की पत्नी किरण चौधरी और उनकी पोती श्रुति चौधरी को भाजपा में शामिल करवा कर पार्टी ने क्या अपना कोई फायदा करा लिया?
2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतने वाली बीजेपी आख़िर इस बार पाँच सीटें कैसे गँवा दीं? जानिए, क्या है वजह है आगे राज्य की राजनीति पर क्या असर होगा।
हरियाणा में क्या 2019 की तरह बीजेपी फिर से सभी सीटों पर कमाल कर पाएगी या फिर किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना, महिला पहलवानों का आंदोलन, पुरानी पेंशन योजना इस बार बीजेपी के लिए घातक साबित होंगे?
हरियाणा में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सहयोगी तीन निर्दलीय विधायकों के बाद अब पार्टी की एक वरिष्ठ नेता ने साथ छोड़ दिया।
क्या हरियाणा में बीजेपी की नायब सिंह सैनी सरकार बहुमत साबित कर पाएगी? जानिए, बीजेपी के ही पूर्व सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने अब क्या चुनौती उसके सामने खड़ी कर दी है।
लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में बीजेपी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब सरकार बचाने के लिए क्या करेगी बीजेपी?
हरियाणा में बड़े बदलना हुए हैं । बीजेपी जेजेपी का गठबंधन टूटा । मुख्यमंत्री बदला । क्या फिर भी बीजेपी को लोग देंगे दस की दस सीट��ं या फिर होगा बड़ा उलटफेर ? C Voter के कार्तिकेय बत्रा बता रहे हैं हरियाणा का हाल ।