हेमंत सोरेन ऐसे समय झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं, जब राज्य की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है, बेरोज़गारी चरम पर है और ख़जाना खाली है।
हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ले ली। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राजधानी राँची के मोराबादी मैदान में शपथ दिलाई।
झारखंड में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के बहाने पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है और शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है।
ताज़ा रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाले महागठबंधन को बहुमत मिल गया है। सवाल यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा?
समझौते में जेएमएम को 43, कांग्रेस को 31 और आरजेडी को सात सीटें दी गई है। यह भी तय कर लिया गया है कि हेमंत सोरेन गठबंधन की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच सहमति बनी थी, जिसमें तय किया गया था कि विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर ही मैदान में उतरा जाएगा।