झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ऐसे समय संभाला है जब राज्य बेहद नाज़ुक स्थिति में है। इतिहास के दोराहे पर खड़े राज्य का हर पाँचवाँ युवक बेरोज़गार है, खाद्यान्न की कमी है, राज्य सरकार पर 85 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज़ है और ख़ज़ाना खाली है।
खाली ख़ज़ाना, बेहाल उद्योग, बेरोज़गारों की फ़ौज : सोरेन के सिर काँटों का ताज
- झारखंड
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- 29 Dec, 2019

हेमंत सोरेन ऐसे समय झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं, जब राज्य की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है, बेरोज़गारी चरम पर है और ख़जाना खाली है।