जिस तरह से बीजेपी-शिवसेना के नेताओं के बीच बयानबाज़ी जारी है, उससे अब यह अंदेशा लगने लगा है कि कहीं यह गठबंधन टूट तो नहीं जाएगा?
बीजेपी-शिवसेना में सीएम की कुर्सी को लेकर छिड़ी रार थमती नहीं दिख रही है। आदित्य ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे को शिवसेना का विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
2014 में बीजेपी ने शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने की रणनीति तैयार कर रही है।
शिवसेना ने विधायक दल के नेता का चुनाव कर लिया है। मातोश्री में बृहस्पतिवार को शिवसेना के विधायकों की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया।
बीजेपी, शिवसेना विधायक दल का नेता तो चुन रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, सरकार किसकी और कैसे बनेगी, यह सवाल अभी भी कायम है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच घमासान जारी है। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुंबई आयेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या वह इस विवाद को सुलझा पायेंगे।
बीजेपी-शिवसेना में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रहे घमासान को क्या बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ख़त्म कर पायेंगे।
शिवसेना ने मंगलवार शाम को दोनों पक्षों के दो-दो नेताओं के बीच होने वाली बैठक को इसी बयान के आधार पर रद्द कर दिया।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुद्दे पर बीजेपी और शिवसेना में से कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं है। दोनों दलों के नेताओं के बीच तीख़े शब्दबाण भी चल रहे हैं।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी-शिवसेना आमने-सामने आ गए हैं और दोनों ही दलों में से कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं है।
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कह दिया है कि 50-50 फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कोई वादा नहीं किया गया है। इसे लेकर सवाल यह खड़े हो गये हैं कि आख़िर कौन झूठ बोल रहा है।
शिवसेना ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह उसे सरकार बनाने के दूसरे विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर न करे।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने हैं। दोनों ही दल झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि राज्य में सरकार कैसे बनेगी?
हरियाणा में तो बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ समझौता कर अपनी सरकार बना ली लेकिन महाराष्ट्र में उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना झुकने के लिए तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र में नए-नए चुने गए क़रीब 40 फ़ीसदी विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं। इसमें उनके ख़िलाफ़ हत्या, हत्या के प्रयास, किडनैपिंग जैसे संगीन आरोप हैं।
महाराष्ट्र में वंचित बहुजन अघाडी के अलग चुनाव लड़ने का 25 सीटों पर सीधा नुक़सान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को हुआ है। ये सभी 25 सीटें बीजेपी-शिवसेना के खाते में चली गईं।
महाराष्ट्र में 50-50 फ़ॉर्मूला कैसा होगा? मुख्यमंत्री कौन बनेगा? उप-मुख्यमंत्री पद होगा या नहीं? क्या उद्धव ठाकरे सत्ता का रिमोट शिवसेना के पास रखने की फिराक में हैं?
शरद पवार को 6 को 60 बनाने का हुनर आता है! इस बार जब विधानसभा चुनाव से पहले एक-एक कर सभी पुराने साथी पार्टी छोड़कर जाने लगे तो शरद पवार यह बात सभाओं में दोहराने लगे थे।
विधानसभा चुनाव में क्यों फेल हुआ राष्ट्रवाद? क्यों हिंदुत्व पर नहीं पड़ा वोट? जनता क्यों है नाराज़? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात में हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव नतीजों का विश्लेषण।
महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनाव और कई दूसरे राज्यों में उपचुनावों का मिलाजुला परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने पार्टी की बड़ी जीत बताया।
शिवसेना ने यह साफ़ कर दिया है कि अगली सरकार का मुख्य मंत्री उसी का होना चाहिए। क्या है मामला?
महाराष्ट्र सरकार के ख़िलाफ़ लोगों का गुस्सा फूट कर सामने आ रहा है, ऐसा लग रहा है। इसके 5 मंत्री मतगणना में पीछे चल रहे हैं, एक मंत्री की हार हो चुकी है।
बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र की परली विधानसभा सीट से चुनाव हार गई हैं। उन्हें उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने हराया।