लोकसभा चुनाव से पहले क्या धर्म की राजनीति की जा रही है? आख़िर शक्ति शब्द को लेकर इतना हंगामा क्यों? क्या अर्थ का अनर्थ बताकर जनसमस्याओं से ध्यान भटकाने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है?
योजनाओं के पूरा होने से पहले ही उद्घाटन क्यों कर दिया जाता है? क्या ऐसे इक्के-दुक्के मामले हैं? जानिए मोरबी पुल हादसे में क्या हुआ था।
विश्व भूख सूचकांक को आख़िर भारत ने किस आधार पर खारिज कर दिया? क्या भारत में गरीबी का स्तर उससे बेहतर है जो उस सूचकांक में दिखाया गया है?
क्या टी वी चैनल्स केंद्र सरकार की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए अपने कामकाज के तरीके में सुधार करेंगे?
गौमूत्र से क्या किसी तरह का फायदा होता है या इस बारे में केवल अंधविश्वास ही फैलाया गया है।
रामनवमी के दौरान कई जगहों पर हुई हिंसा के साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द्र, प्रेम, भाईचारे के उदाहरण भी देखने को मिले जिसमें हिंदू और मुसलमान एक साथ खड़े दिखाई दिए।
पूर्व की सरकारों में मुसलिम समुदाय के लिए उठाए गए कदमों को तुष्टिकरण बताने वाले बीजेपी तथा आरएसएस अब उससे भी आगे बढ़कर कदम उठा रहे हैं। इसे तुष्टिकरण कहा जाए या सद्भाव?
कुछ नेता और कथित धर्म गुरु पत्रकारों के तीखे सवालों से आखिर तिलमिला क्यों जाते हैं और क्यों हिंसा व मारपीट पर उतारू हो जाते हैं?
राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप सिर्फ़ कांग्रेस पर क्यों लग रहा है? जबकि बीजेपी में कई नेता ऐसे हैं, जो वंशवादी राजनीति से ही आए हैं।
वरुण गांधी पर एक समय बीजेपी के 'फ़ायर ब्रांड’ नेता होने का लेबल चिपका था। उन्हें योगी आदित्यनाथ के बराबर खड़ा करने की तैयारी शुरू हो चुकी थी। तो फिर अब ऐसा क्या हो गया कि सबकुछ बदल गया?
'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' के दूसरे चरण की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले में की गयी। उज्ज्वला योजना के पहले चरण का क्या हस्र हुआ और दूसरे चरण का भी क्या मक़सद है?
बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी इन दिनों अपनी ही पार्टी के समर्थक माने जाने वाले ‘ट्रोलर्स’ के शिकार हो गए हैं।