यूपी विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद सपा और अखिलेश यादव को तेजी से खारिज करने की कोशिश कतिपय टीवी चैनलों की बहसों में हो रही है। लेकिन दरअसल यह चुनाव सपा के लिए मौका लाया है और उसके हालात और बेहतर होने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव जीतने की रणनीति बना रही बीजेपी अब ओबीसी, दलितों और मुसलिमों के बीच आधार बढ़ाने की तैयारी में है।
बीजेपी ने मोदी कैबिनेट में ओबीसी से 27 मंत्री होने के दावे का जमकर प्रचार किया है। इसके अलावा नीट परीक्षा में ओबीसी छात्रों के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण को भी सोशल मीडिया पर जमकर भुनाया जा रहा है।
बीजेपी ओबीसी मोर्चा ने मोदी सरकार की ओर से पिछले सात सालों में ओबीसी समुदाय के लिए उठाए गए 75 क़दमों की सूची बनाई है।
मोदी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को लेकर एक और बड़ा दांव खेलने जा रही है।
बीजेपी की OBC के साथ सोशल इंजीनियरिंग सिर्फ़ चुनाव जीतने तक ही सीमित? आख़िर ओबीसी को लेकर बीजेपी अपनी राजनीति क्यों बदल रही है ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट। Satya Hindi
क्षेत्रीय स्तर पर जिन पिछड़े वर्ग की जातियों का नेता नहीं था, उनमें से गोविंदाचार्य ने नेतृत्व उभारा और उन्हें बीजेपी के साथ जोड़ा।