सऊदी अरब ने हज सीजन में भीड़ प्रबंधन और वीजा दुरुपयोग के मद्देनजर भारत और 13 अन्य देशों के लिए वर्क वीजा पर 30 जून तक अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। लाखों लोग अभी भी हज के बाद सऊदी अरब में हैं।
ट्रंप की अल-शरा से मुलाकात और सऊदी निवेश मध्य पूर्व में स्थिरता की उम्मीद जगाते हैं, लेकिन अलवाइट्स के खिलाफ हिंसा की खबरें चिंता बढ़ाती हैं। संयुक्त राष्ट्र की निंदा और X पर "फायदे की नीति" की आलोचना से उथल-पुथल का खतरा बना हुआ है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, 86 देशों की जेलों में 10,000 से अधिक भारतीय नागरिक कैद हैं। संसद की एक रिपोर्ट में विदेशों में भारतीय श्रमिकों की दुर्दशा पर रोशनी डाली गई है।
सऊदी अरब राजधानी रियाद में अपना पहला अल्कोहल स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा है। यहां पर विशेष रूप से गैर-मुस्लिम राजनयिकों को शराब उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा है कि हमारा आपसी सहयोग पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
सऊदी अरब ने इस वर्ष हज यात्रा पर आने वाले लोगों के लिए कई सारे प्रतिबंध खत्म कर दिए हैं। इस पर हज यात्रियों की संख्या और उम्र पर कोई रोक नहीं है। पूरी जानकारी इस तरह हैः
सऊदी अरब के पूर्व खुफिया प्रमुख ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) को मनोरोगी बताया है। ऐसा उन्होंने क्यों कहा, जानिए।
भारत में इस्लामफोबिया बढ़ने पर सऊदी अरब बार-बार अपनी नाराजगी जता रहा है। इसी बीच नूपुर शर्मा वाला तीसरा मामला भी सामने आ गया। भारत को हर बार कार्रवाई करना पड़ती है लेकिन वो गलतियों से सीखने को तैयार नहीं है। पैगंबर पर नूपुर शर्मा और नवीन जिन्दल की टिप्पणी इतनी भारी पड़ी है कि कतर ने भारतीय दूत को तलब कर लिया है। तमाम मुस्लिम देशों में भारतीय सामानों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है।
सऊदी अरब ने तब्लीग़ी जमात पर आखिर प्रतिबंध क्यों लगाया है? तब्लीग़ी जमात आख़िर क्या करता है? जानिए, भारत में इस पर कैसी प्रतिक्रिया हुई।
तब्लीग़ी जमात आख़िर क्या करता है कि उसपर प्रतिबंध तक लगाया जा रहा है? आख़िर सऊदी अरब ने उसे 'आतंकवाद के दरवाजों में से एक' क्यों बताया?
कई अरब देश पहले ही इस्रायल से संबंध बनाने की दिशा में क़दम बढ़ा चुके हैं। यहाँ तक कि सऊदी अरब भी उसी दिशा में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान पर भी भारी दबाव पड़ रहा है तो क्या उसे भी अरब देशों के पीछे चलना पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
सऊदी अरब की सर्वोच्च धार्मिक संस्था कौंसिल ऑफ़ सीनियर स्कॉलर्स ने मुसलमानों से अपील की है कि वे रमज़ान के पवित्र महीने में अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ें।
कश्मीर के मुद्दे पर इसलामी देशों का बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है, जिसकी मेजबानी सऊदी अरब करेगा। इसकी वजह क्या नागरकिता संशोधन क़ानून और एनआरसी है?