देश में पिछले सात वर्षों में हर मुद्दे पर इतना झूठ बोला गया कि लोग अब झूठ को ही सच समझने लगे हैं। बीजेपी और आरएसएस ने झूठ की बुनियाद को पिछले सात वर्षों में और मजबूत कर दिया है।
पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता डॉ उदित राज अपने इस लेख में कहते हैं हरिद्वार धर्म संसद के जरिए सिर्फ मुसलमानों पर ही निशाना नहीं साधा गया, आरएसएस के निशाने पर भारतीय संविधान भी है। उनकी नजर अनुसूचित जाति-जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण पर भी है। और भी बहुत कुछ कहा है डॉ उदित राज ने।
मायावती ब्राह्मणों को लुभाने में क्यों लगी हैं? बसपा अगर विचारधारा के अनुसार चली होती तो क्या आज वोट की तलाश में ब्राह्मण के पास पहुँचने की ज़रूरत पड़ती?
सेक्युलर राजनीति ने दलित राजनीति करने वाले नेताओं का बुरा हाल कर दिया है। इस कदर कि उनकी पहचान ही ख़त्म होती जा रही है और दलित नेताओं को जनप्रतिनिधि के तौर पर उनके दलित समाज से ही मान्यता मिलती कम होती जा रही है।