गाँवों में किसानी और रोज़गार की हालत कितनी ख़राब है, यह मनरेगा के आँकड़े साफ़ बयान कर रहे हैं। पिछले साल के मुक़ाबले इस साल मनरेगा में काम माँगने में रिकॉर्ड दस फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाने वाले आर्थिक आँकड़ों से छेड़छाड़ और इन संस्थानों की स्वायत्तता पर हो रहे हमलों पर देश के बड़े अर्थशास्त्रियों ने जताई चिंता।