जब गृह मंत्रालय से सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने इजरायली समूह के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल वॉट्सऐप कॉल और संदेशों को टैप करने के लिए किया था तो सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया।
क्या भारत एक ऐसे राज्य में तब्दील होता जा रहा है जहाँ नागिरकों की हर गतिविधि पर सत्ता की निगरानी रहती है?
वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी के मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को भी पैगासस स्पाईवेयर से मैसेज आया था।
वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी के मामले में केंद्र सरकार के दावों के उलट एक और अहम जानकारी कंपनी की ओर से दी गई है।
केंद्र सरकार इस बात से नाराज़ है कि न तो वॉट्सऐप और न ही इसके स्वामित्व वाली कंपनी फ़ेसबुक ने उसे भारतीय यूजर्स की सुरक्षा में सेंध लगने के बारे में कोई जानकारी दी।
आख़िर किसने वॉट्सऐप से जासूसी कराई है? इससे किसे फ़ायदा है? कौन है जिसने इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए होंगे? उसका मक़सद क्या है?
वॉट्सऐप के ज़रिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी कराने के मुद्दे पर जहाँ एक ओर राजनीति शुरू हो गई है, सरकार ने इस पर बचाव का मुद्रा अपना लिया है।
वॉट्सऐप ने इस बात की पुष्टि की है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दो हफ़्ते के लिये भारत में कई पत्रकारों, शिक्षाविदों, मानवाधिकार व दलित कार्यकर्ताओं पर नज़र रखी गई।