तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तमिल और अन्य दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने संस्कृत भाषा के विकास के लिए भारी-भरकम धनराशि आवंटित करने जबकि तमिल और अन्य चार शास्त्रीय भाषाओं के लिए मामूली राशि दिए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया। स्टालिन ने इसे तमिल के लिए मगरमच्छ के आँसू क़रार दिया है। उन्होंने केंद्र की नीति को भेदभावपूर्ण बताया है।
संस्कृत को करोड़ों का फ़ंड मिलता है, तमिल के लिए मगरमच्छ के आँसू: स्टालिन
- तमिलनाडु
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- 24 Jun, 2025
क्या तमिल भाषा को बढ़ावा देने में केंद्र सरकार दोहरा रवैया अपना रही है? जानिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप क्या लगाया है।

स्टालिन ने यह आरोप एक नयी रिपोर्ट के हवाले से लगाया है। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट को साझा किया है जिसमें आरटीआई से मिली जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार ने 2014-15 से 2024-25 के बीच संस्कृत के प्रचार पर 2,532.59 करोड़ रुपये ख़र्च किए। यह अन्य पाँच शास्त्रीय भारतीय भाषाओं तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओडिया लिए कुल मिलाकर आवंटित 147.56 करोड़ रुपये से 17 गुना अधिक है।