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योगी ने बजरंग बली व राम लला का पूजन करके दिया बैन का जवाब 

अली-बजरंग बली के बयान को लेकर चुनाव आयोग की ओर से लगाए गए प्रतिबंध का जवाब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली और विवादित परिसर में राम लला की पूजा करके देने की कोशिश की है। आयोग की कार्रवाई के बाद बुधवार को अचानक मुख्यमंत्री का अयोध्या का कार्यक्रम जारी हो गया। आनन-फानन में तैयारियाँ भी हो गईं और क़रीब साढ़े चार घंटे तक योगी आदित्यनाथ अयोध्या के मंदिरों के दर्शन करते रहे। 

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इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों के प्रति अनुराग भी दिखाया। ज़ाहिर है कि मौन धारण करते हुए भी योगी आदित्यनाथ ने अपने अयोध्या दौरे में हिंदुत्व व दलित अजेंडे को फ़ोकस रखा। योगी आदित्यनाथ ने दौरे के दौरान यह संदेश देने की कोशिश की कि उनकी बजरंग बली व प्रभु राम में अटूट आस्था है और इस पर कोई रोक नहीं लगा सकता। 
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विरोधी दलों को जवाब देने की कोशिश

मुख्यमंत्री योगी ने विवादित परिसर में विराजमान राम लला के दर्शन करके यह भी बताने की कोशिश की कि जिस स्थल पर जाने से प्रियंका गाँधी सहित अन्य विरोधी दल के नेता कतराते हैं, वहीं वह मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी डंके की चोट पर राम लला के दर्शन कर रहे हैं। 

अयोध्या में राम मंदिर पर बीजेपी के हलके रुख के आरोप को भी योगी आदित्यनाथ ने ग़लत साबित करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री पहले भी कह चुके हैं कि बीजेपी ही राम मंदिर बनवाएगी। दौरे के दौरान दलितों के प्रति अनुराग दिखाने के लिए वह कटरा मोहल्ले के दलित महाबीर के घर पहुँचे। मुख्यमंत्री ने महाबीर के यहाँ गुड़-चने का नाश्ता किया और उनकी बेटी की बनाई रोटी-सब्जी भी खाई। परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री की आरती की और माल्यार्पण कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने महाबीर को आश्वासन दिया कि उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा अन्य सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। 

मुख्यमंत्री का पूरा कार्यक्रम बजरंग बली की पूजा-अर्चना व धार्मिक अनुष्ठानों पर ही आधारित रहा, इसमें उन्होंने संतों से भी वार्ता की। योगी ने  हनुमानगढ़ी, दिगम्बर अखाड़ा, सुग्रीव किला, मणिराम छावनी व अशर्फी भवन के मंदिरों में पूजा-अर्चना करके यह संदेश दिया कि उन्होंने धार्मिक आस्था की बात करके कोई ग़ुनाह नहीं किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री सरयू का पूजन कर देवी पाटन के लिए रवाना हो गए, जहाँ वह बुधवार को रात्रि प्रवास करेंगे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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