क्या राज्य को यह अधिकार है कि वह किसी भी महिला-पुरुष को दोस्ती करने, प्रेम करने, एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर चलने, हंसी-मज़ाक करने या पार्क में बैठ कर बात करने से रोके? क्या संविधान इसकी इजाज़त देता है? क्या यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, यह सवाल उठना लाज़िमी है।