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असद अहमद, जिसका आज एनकाउंटर कर दिया गया।

अतीक का बेटा असद दिल्ली में था और पुलिस को भनक तक नहीं लगी

गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को जिस यूपी एसटीएफ ने आज 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराने का दावा किया, वो दिल्ली के संगम विहार इलाके में 15 दिनों तक रह कर आया था। लेकिन न तो उसे दिल्ली पुलिस और न ही यूपी पुलिस तलाश कर पाईं। यह जानकारी अमर उजाला के दिल्ली संवाददाता ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। 

उस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में उमेश पाल का मर्डर होने के बाद असद और गुलाम भागकर दिल्ली आ गए थे। यूपी पुलिस ने असद और इस कांड के अन्य आरोपियों के बारे में देशभर में अलर्ट जारी कर दिया था ताकि ये लोग विदेश नहीं भाग सकें। यूपी एसटीएफ की एक टीम ने दिल्ली का दौरा किया और उसे संगम विहार में छिपे असद और गुलाम की जानकारी नहीं मिली। हालांकि उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एक बार असद के नजदीक पहुंच गई थी लेकिन पुख्ता सूचना के अभाव में पकड़ नहीं पाई। 

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अमर उजाला की रिपोर्ट में कहा गया है कि असद अपने साथ तीन चार हथियार लेकर सोता था। उसे पहले से ही आशंका थी कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है। संगम विहार में भी रहने के दौरान असद काफी एहतियात बरतता था। वो संगम विहार के बाहर निकलता नहीं था। अगर उसे फोन भी करना होता था तो दूसरे के फोन का इस्तेमाल करता था। अपना फोन इस्तेमाल नहीं करने की वजह से पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। 

संगम विहार में जहां असद और गुलाम ने शरण ली थी, उस ठिकाने को दिलाने में अतीक के ड्राइवर शफीक ने भूमिका निभाई थी। इस सिलसिले में पुलिस के पास तीन नाम आए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है। असद और गुलाम उन तीनों लोगों के घरों में अलग-अलग समय पर रहे थे। स्पेशल सेल की टीम जब उन्हें तलाशती हुई पहुंची तो दोनों भाग निकले। 

Atiq son Asad was in Delhi and police had no clue - Satya Hindi
घटनास्थल पर मिली बाइक

बाइक कहां से आई

झांसी में आज एनकाउंटर के बाद घटनास्थल पर एक बाइक गिरी हुई पाई गई है। यह बाइक किसकी है या चोरी की है, कोई सूचना अभी तक यूपी एसटीएफ और पुलिस ने नहीं दी है। क्योंकि यूपी पुलिस के पास जो सूचना पहले आई थी, उसमें कहा गया था कि उमेशपाल की हत्या के बाद असद और गुलाम बस के जरिए दिल्ली पहुंचे थे, तब उनके पास कोई बाइक नहीं थी। अब झांसी में उन्हें बाइक पर देखा गया। पुलिस देर-सवेर इस बाइक का रहस्य जरूर खोलेगी और तभी पता चलेगा कि इस एनकाउंटर में बाइक का औचित्य कैसे पुलिस ठहराएगी। क्योंकि पुलिस टीम तो चार पहिया वाहनों पर थी और दोनों आरोपी बाइक पर थे। ऐसे में किसी भी बड़े वाहन से बाइक को गिराया जा सकता है और आरोपियों को जिन्दा पकड़ा जा सकता है। 

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बता दें कि अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम का आज झांसी में एनकाउंटर करने का दावा यूपी एसटीएफ ने किया है। आज ही अतीक को प्रयागराज कोर्ट में भी पेश किया गया। अतीक को बेटे के मारे जाने की खबर अदालत में ही मिली और वो रोने लगा। अतीक और उसके परिवार ने समय-समय पर यूपी पुलिस से एनकाउंटर की आशंका जताई है। उनका कहना था कि यूपी पुलिस हर सदस्य का एनकाउंटर करना चाहती है।

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क़मर वहीद नक़वी
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