Yogi Adityanath Maulana Tauqeer Raza: यूपी का माहौल तनावपूर्ण हो रहा है। आई लव मुहम्मद के समर्थन में निकले जुलूस पर बरेली में शुक्रवार को लाठी चार्ज हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विकसित यूपी कार्यक्रम में इस पर भाषण दिया, उससे माहौल बदल गया।विश्लेषक इसमें बहुत कुछ देख रहे हैं।
लखनऊ के गोमती नगर में आई लव योगी आदित्यनाथ का पोस्टर।
यूपी का माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा है। यूपी समेत पूरे देश में मुस्लिमों के संगठन आई लव मुहम्मद अभियान चला रहे हैं। लेकिन लखनऊ के गोमतीनगर में शनिवार को आई लव योगी आदित्यनाथ के होर्डिंग नज़र आए। यह अजब संयोग है कि इस होर्डिंग के लगने के बाद लखनऊ में विकसित यूपी कार्यक्रम हुआ, जिसमें योगी आदित्यनाथ ने भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में जो बातें कहीं, उससे यूपी का माहौल और गरमाने की आशंका है। योगी के भाषण के बाद बरेली में मुस्लिम युवकों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में 'विकसित यूपी विजन 2047' कॉन्क्लेव में अपने भाषण को मोड़ते हुए बरेली हिंसा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने बिना नाम लिए मौलाना तौकीर रजा पर निशाना साधते हुए कहा, "कल एक मौलाना भूल गया कि राज्य में शासन किसका है। वह धमकी दे रहा था कि शहर जाम कर देंगे। हमने कहा- न तो जाम होगा, न कर्फ्यू लगेगा। बल्कि ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। 2017 से पहले यही होता था, लेकिन अब हमने बैरियर लगा दिया है। चुन-चुनकर ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाता है। जिस भाषा में समझना चाहते थे, उसी में समझाया गया।"
योगी ने डेंटिंग-पेंटिंग की ज़रूरत बताई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- "पहले जब भी त्योहारों का मौसम आता था, हिंसा शुरू हो जाती थी...कभी-कभी लोग अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ पाते। इसलिए, उनके लिए 'डेंटिंग-पेंटिंग' करने की जरूरत है ताकि हम उनकी बुरी आदतों को सुधार सकें। उत्तर प्रदेश की विकास कहानी यहीं से शुरू होती है..."हमने बुलडोज़र इसीलिए बनायाः योगी
योगी ने जातिगत उकसावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा "जो जाति के नाम पर भावनाओं को भड़काते हैं, परिवार के नाम पर दोहन करते हैं, इन्हीं के लिए हमने बुलडोजर बनाया।" उन्होंने 2017 से यूपी में कर्फ्यू न लगने का जिक्र किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी है। योगी आदित्यनाथ ने बुलडोज़र का जिक्र भी विशेष संदर्भ में किया है। कांग्रेस और सपा ने आरोप लगाया है कि बुलडोज़र का इस्तेमाल मुसलमानों की संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए हो रहा है। जहां पर भी किसी भी मामले में किसी मुस्लिम पर एफआईआर होती है तो सबसे पहले उसकी संपत्ति पर बुलडोज़र चलाया जाता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट यूपी की बीजेपी सरकार के बुलडोज़र न्याय पर तीखी टिप्पणियां कर चुका है। उसने बाकायदा इसके गाइडलाइंस भी जारी कीं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि उसे बार-बार तोड़ा जा रहा है।बरेली में तौकीर रज़ा खान गिरफ्तार
पुलिस ने मौलाना तौकीर रज़ा खान को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ में मुख्यमंत्री के भाषण से निकले संकेतों के बाद पुलिस ने बरेली में तेज़ी से कार्रवाई की। मुख्यमंत्री के भाषण में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलवी तौकीर रज़ा खान ही टारगेट पर थे। मौलाना ने शुक्रवार को "आई लव मुहम्मद" अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। तौकीर को शनिवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने मीडिया को बताया, "तौकीर रज़ा को हिरासत में ले लिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही चल रही है। स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है।"
शुक्रवार को बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के तहत एक मस्जिद के पास कई प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने के बाद हिंसा भड़क उठी। कथित तौर पर यह जमावड़ा मौलाना तौकीर रज़ा के आह्वान के बाद हुआ था। यह विरोध प्रदर्शन कानपुर पुलिस द्वारा 4 सितंबर को बारावफात जुलूस के लिए लगाए गए "आई लव मुहम्मद" बोर्ड को लेकर दर्ज की गई एफआईआर के जवाब में किया गया था। ज़िला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने पीटीआई को बताया कि शुक्रवार को हुआ विरोध प्रदर्शन आदेश के बावजूद "शांति भंग करने का प्रयास" था। डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि झड़पें एक "पूर्व नियोजित साजिश" का संकेत देती हैं, और उन्होंने वीडियो साक्ष्य के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान करने और "कड़ी सज़ा" देने का संकल्प लिया।
कई शहरों और राज्यों में आई लव मुहम्मद अभियान
यह विवाद केवल यूपी तक सीमित नहीं रहा। मऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर और संभल में भी प्रदर्शन हुए। मऊ में अनधिकृत जुलूस को पुलिस ने खरीफ किया, जबकि 4-5 लोगों को हिरासत में लिया। उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र में भी समान प्रदर्शन दर्ज किए गए। महाराष्ट्र के बीड़ में एक मौलाना को योगी के खिलाफ भड़काऊ बयान देने पर गिरफ्तार किया गया।लखनऊ में योगी के पोस्टर और होर्डिंग
लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा ने जवाबी कार्रवाई में 'आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी' और 'आई लव बुलडोजर' के पोस्टर लगाए। हालांकि कानपुर में बारावफात के मौके पर मुस्लिमों द्वारा लगाए गए आई लव मुहम्मद बैनर के बाद यह विवाद शुरू हुआ था। बैनर लगने के बाद हिन्दू संगठनों ने उस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह नई परंपरा है। इसके बाद उस बैनर को कानपुर में फाड़ दिया गया। जवाब में मुस्लिम युवकों ने हिन्दू संगठनों के पोस्टर-बैनर फाड़ दिए। पुलिस ने मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि आई लव मुहम्मद पोस्टर नई परंपरा थी। वो पोस्टर नहीं लगना चाहिए था। सोशल मीडिया पर यह घटना सामने आई तो देशभर में इस पर प्रतिक्रिया होने लगी। लोगों ने कहा कि आई लव मुहम्मद बोलने, लिखने या कहने पर कार्रवाई क्यों। दिल्ली हाईकोर्ट में मुस्लिम छात्रों ने कानपुर की एफआईआर रद्द करने की याचिका दायर की। शिया नेता मौलाना कल्बे जवाद ने अभियान का समर्थन करते हुए कहा, "हर मुसलमान को 'आई लव मुहम्मद' कहने का अधिकार है, जैसे हिंदू 'आई लव राम' कहते हैं।"योगी के बयान पर सवाल
लखनऊ में कार्यक्रम 'विकसित यूपी' पर था, लेकिन योगी ने भाषण को सांप्रदायिक मुद्दे पर मोड़ दिया। विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान तनाव कम करने की बजाय बढ़ाएगा। 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव और निकट भविष्य में बिहार चुनाव के मद्देनजर इसे हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण से जोड़ा जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने बरेली में हुए लाठीचार्ज को 'अनुचित' बताया, जबकि बीजेपी ने इसे 'साजिश' करार दिया।