मायावती ने तो बीएसपी को मज़बूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए लखनऊ में विशाल रैली की, लेकिन वह बीजेपी सरकार की तारीफ़ और सपा-कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों की आलोचना ही करती रह गईं। उन्होंने 2027 में सत्ता में लौटने का दावा भी कर दिया, लेकिन क्या सत्ताधारी दल की तारीफ़ और विपक्षी दलों की आलोचना कर कोई पार्टी सत्ता में लौटने का कल्पना कर सकती है? तो सवाल है कि आख़िर मायावती का मक़सद क्या था?